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    Fort William: 'विजय दुर्ग' कहलाएगा 'फोर्ट विलियम', इस वजह से बदला नाम; गौरवशाली रहा है इतिहास

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 10:00 PM (IST)

    Fort William कोलकाता स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर विजय दुर्ग कर दिया गया है। फील्ड मार्शल सैम मानेकशा 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेना प्रमुख थे। इस युद्ध के नतीजे में बांग्लादेश अस्तित्व में आया। किचनर हाउस का नाम खार्तूम के प्रथम अर्ल एचएच किचनर के नाम पर रखा गया था।

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    कोलकाता स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम (Photo Graphics)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उपनिवेशवाद की विरासत से अलग होने की पहल के तहत कोलकाता स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर 'विजय दुर्ग' कर दिया गया है। एक रक्षा अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसका नाम बदलना छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि है, जो भारतीय इतिहास में राष्ट्रवाद के प्रतीक थे।

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    औपनिवेशिक पहचानों से मुक्त

    इसका नाम बदलकर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग तट पर सबसे पुराने किले के नाम पर रखा गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डा था। आंतरिक रूप से लिए गए निर्णय में सेना ने शहर के मध्य में स्थित विशाल परिसर के अंदर कुछ ऐतिहासिक इमारतों का नया नाम रखा है। दरअसल मोदी सरकार द्वारा देश को औपनिवेशिक पहचानों से मुक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का यह हिस्सा है।

    रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी

    कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) विंग कमांडर हिमांशु तिवारी ने फोर्ट विलियम और इसके अंदर कुछ अन्य इमारतों का नाम बदलने के सेना के फैसले के बारे में बताया कि हम धीरे-धीरे औपनिवेशिक विरासत से अलग हो रहे हैं।

    दिसंबर में लिया गया था निर्णय

    सेना ने सेंट जार्ज गेट का नाम बदलकर शिवाजी द्वार कर दिया है। उन्होंने कहा कि किले और इसके अंदर स्थित कुछ ऐतिहासिक इमारतों का नाम बदलने का निर्णय नवंबर-दिसंबर में लिया गया था। रक्षा अधिकारी ने बताया कि हमने किचनर हाउस का नाम बदलकर मानेकशा हाउस रख दिया है।

    रसेल ब्लॉक का नाम बदलकर बाघा जतिन ब्लॉक रखा गया

    सेना ने किले के अंदर रसेल ब्लॉक का नाम बदलकर बाघा जतिन ब्लॉक रखा गया है। यह नाम स्वतंत्रता सेनानी जतिन्द्रनाथ मुखर्जी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें बाघा जतिन के नाम से जाना जाता है। 1915 में ओडिशा के बालासोर में गोलीबारी के बाद मुखर्जी ब्रिटिश पुलिस की गोलियों से शहीद हो गए थे।

    फोर्ट विलियम का निर्माण 1781 में ब्रिटिश साम्राज्य के पूर्वी हिस्से और अधिकार के प्रतीक के तौर पर किया गया था। इस किले के अंदर और आसपास की ऐतिहासिक संरचनाओं और भवनों की वजह से इसकी आभा अद्वितीय है।

    इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया है

    ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दौरान हुगली नदी के पूर्वी तट पर ईंट से बने इस किले का नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया है। नाम बदलने के पीछे कारण यह भी है कि विलियम तृतीय ने भारत के नहीं बल्कि यूरोपीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    वर्तमान किला परिसर 170 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें कई औपनिवेशिक और आधुनिक संरचनाएं मौजूद हैं। चीन-भारत के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद 1963 में फोर्ट विलियम पूर्वी सेना कमान का मुख्यालय बन गया। इससे पहले सेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय लखनऊ में था।

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