'अधिकारियों के चयन में किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं', चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी
केंद्रीय चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव अधिकारियों, विशेषकर बीएलओ और ईआरओ के चयन में मानदंडों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए। भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने ईआरओ की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाया था। मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया 15 अक्टूबर के बाद शुरू होने की संभावना है।

चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर दो-टूक कहा है कि चुनाव अधिकारियों, विशेषकर बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) व निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के चयन में निर्धारित मानदंडों व जारी दिशानिर्देशों को लेकर किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि बीएलओ के तौर पर नियुक्ति के लिए पहली प्राथमिकता राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारियों को देने को कहा गया है, जिसमें शिक्षक भी शामिल होंगे। स्थायी कर्मचारियों की कमी होने पर ही राज्य सरकार के ठेका कर्मचारियों की इस पद पर नियुक्ति पर विचार किया जाएगा। जिला चुनाव अधिकारियों को इसकी सीईओ को सूचना देनी होगी।
भाजपा ने लगाया था अनियमितता का आरोप
मालूम हो कि भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ईआरओ की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने 226 ईआरओ की सूची जारी कर दावा किया है कि इन लोगों का चयन आयोग के मानदंडों व दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं किया गया है।
बंगाल में कब शुरू होगी एसआईआर प्रक्रिया?
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया आगामी 15 अक्टूबर के बाद शुरू होने की संभावना है इसलिए चुनाव आयोग तैयारियों पर कड़ी नजर रख रहा है।
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