एलएफएस ब्रोकिंग के खिलाफ ईडी का एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग केस में 155 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित कंपनियों की 155 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है। इसमें बंगाल और अन्य राज्यों में स्थित भूमि अपार्टमेंट होटल आदि शामिल हैं। जांच में पता चला कि निवेशकों से 1600 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई थी। निवेशकों को भारी रिटर्न का लालच देकर ठगा गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और उससे संबंधित कंपनियों व लोगों की 155 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्ति को अटैच किया है। अटैच की गई संपत्ति में बंगाल और अन्य राज्यों के कई जिलों में स्थित भूमि, अपार्टमेंट, होटल, रिसार्ट और फैक्ट्री प्लाट शामिल हैं।
जांच के दौरान पता चला कि ये संपत्ति निवेशकों से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर जुटाई गई रकम से खरीदी गई थीं। निवेशकों को भारी रिटर्न का झांसा देकर ठगा गया था। ईडी ने गत 24 सितंबर को पीएमएलए के तहत एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और इस कंपनी से जुड़े सैयद जियाजुर रहमान और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में 212 अचल संपत्ति को अस्थाई रूप से अटैच किया है।
जांच में क्या पता चला?
जांच में पता चला कि सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार माइती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके सहयोगियों ने सेबी पंजीकरण प्रमाणपत्रों में हेरफेर करके अवैध निवेश योजनाएं चलाईं और निवेशकों से धन को इकट्ठा करने और उसका दुरुपयोग करने के लिए कई कंपनियों का नेटवर्क बनाया।आरोपितों ने शेयर ब्रोकिंग और अन्य निवेश गतिविधियों के लिए सेबी में पंजीकृत एम/एस एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर यह अवैध कारोबार चलाया। जान-बूझकर एम/एस एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम वाली कई कंपनियां खोलीं।
कोलकाता कोर्ट में दायर है याचिका
निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि वे सेबी में रजिस्टर्ड कंपनी में निवेश कर रहे हैं। इससे पहले ईडी ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में 10 आरोपितों के खिलाफ कोलकाता की विशेष अदालत में एक अभियोग याचिका भी दायर की गई है।
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