Bengal: 'राज्य सरकार लॉलीपॉप बांट रही', नौकरी गवाएं शिक्षकों का सीएम ममता बनर्जी पर फूटा गुस्सा
बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से सोमवार को अपनी नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। हालांकि सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद शिक्षकों ने इसे सरकार द्वारा दिया जा रहा लॉलीपॉप बताया है। शिक्षकों का आरोप है कि सीएम और उनकी कैबिनेट सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
पीटीआई, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मुलाकात की। हालांकि, सीएम से मुलाकात के बाद शिक्षकों ने कहा कि इस पूरे प्रकरण के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। नौकरी गवाएं शिक्षकों ने आरोप लगाया कि टीएमसी प्रमुख ने आज एक 'लॉलीपॉप' दिया।
सूबे की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद एक शिक्षिका ने कहा कि मुख्यमंत्री, उनकी पूरी कैबिनेट और आयोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है और इसलिए उन्होंने आज 'लॉलीपॉप' दिया, जिसमें कहा गया कि सरकार 25,000 लोगों को स्वैच्छिक नौकरी देगी और मामले की जांच करेगी।
शिक्षकों ने टीएमसी पर लगाया लॉलीपॉप देने का आरोप
सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद एक शिक्षक सुमन बिस्वास ने कहा कि राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सीएम, उनकी कैबिनेट और आयोग सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है और इसलिए उन्होंने आज 'लॉलीपॉप' दिया, जिसमें कहा गया कि सरकार 25,000 लोगों को 'स्वैच्छिक' नौकरी देगी और मामले की जांच करेगी। मेरी देश के लोगों से अपील है कि वे पश्चिम बंगाल में जो चल रहा है, उस पर गौर करें।
उन्होंने आगे कहा कि यह खुदीराम का बंगाल है और हम जानते हैं कि सरकार और ममता बनर्जी के खिलाफ कैसे लड़ना है। नौकरी हमारा अधिकार है। सीएम को उन कर्मचारियों के नाम प्रकाशित करने चाहिए जो बेदाग हैं और सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करें। हम बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
'दाग लगाकर छीन ली गई नौकरियां'
वहीं सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद एक अन्य शिक्षिका मीनाक्षी सिंह ने कहा कि उन्होंने यह दाग लगाकर नौकरियां छीन ली हैं कि वे अयोग्य हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास मेरे सभी दस्तावेज हैं। मैंने हर प्रक्रिया से गुज़रा है। मैं अयोग्य नहीं हूँ। उन्होंने मुझ पर यह दाग लगाकर हमारी नौकरियां छीन ली हैं कि मैं अयोग्य हूं।
टीचर ने कहा कि हमने किसी को भी किसी नौकरी के लिए पैसे नहीं दिए हैं। आज राज्य सरकार हमें 'लॉलीपॉप' दे रही है। हम समाज सेवा क्यों करेंगे? हमारे भविष्य का क्या होगा? हमारे पास एक परिवार और बच्चे हैं। हम दोबारा परीक्षा देने की मानसिक स्थिति में नहीं हैं।
ममता ने शिक्षकों से मिलने के बाद क्या कहा?
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आज नौकरी गवाएं शिक्षकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की साजिश चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा,
शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं..., कई (शिक्षक) स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं और आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं, आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है।
- सीएम ने आगे कहा कि जो फैसला आया है, उसे सकारात्मक तरीके से नहीं लिया जा सकता। मैं जो कह रही हूं, उसके लिए मुझे जेल हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक उन लोगों की सूची नहीं दी है जो योग्य हैं और जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।
- उन्होंने आगे कहा कि जब तक वह जीवित हैं, वह किसी भी योग्य व्यक्ति को अपनी नौकरी नहीं खोने देंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग योग्य हैं, उनके लिए रोजगार सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
उल्लेखनीय है कि 03 अप्रैल 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा 2016 में राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
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