'राजभवनों को संग्रहालयों में बदल दिया जाए, अब इनकी जरूरत नहीं', सीएम ममता बनर्जी ने की पीएम मोदी से मांग
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर शिकायत की है कि भाजपा काल में राज्यपाल समानांतर सरकार चला रहे हैं। राज्यपाल का कोई राज्य नहीं होता। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करेंगी कि राजभवनों को संग्रहालयों में बदल दिया जाए। ममता ने शनिवार को कहा कि ब्रिटिश काल में राजभवन की आवश्यकता थी। अब इसकी कोई जरूरत नहीं है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर शिकायत की है कि भाजपा काल में राज्यपाल समानांतर सरकार चला रहे हैं। राज्यपाल का कोई राज्य नहीं होता। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करेंगी कि राजभवनों को संग्रहालयों में बदल दिया जाए।
'ब्रिटिश काल में थी राजभवन की आवश्यकता'
ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि ब्रिटिश काल में राजभवन की आवश्यकता थी। अब इसकी कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, भाजपा ने राज्यपाल पद को हटाने की मांग को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया है।
राज्यपालों के जरिए समानांतर सरकार चलाई जा रही- ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपालों के जरिए समानांतर सरकार चलाई जा रही हैं। राज्यपाल को लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार की क्या जरूरत है? मुख्यमंत्री का दावा किया है कि शपथ लेना जरूरी हो तो मुख्य न्यायाधीश दिला सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की भूमिका पर उठाए थे सवाल
हाल ही में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की भूमिका को भाजपा का दलाल करार दिया था। इस दिन ममता ने कहा था कि विश्वविद्यालय के कुलपति का स्थानांतरण करना राज्यपाल का काम बन गया है। उन सभी जगहों पर भाजपा-आरएसएस के लोगों को रखा जा रहा है। क्या यही उसका काम है?
भाजपा ने मुख्यमंत्री के आरोप का किया खंडन
हालांकि, भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस आरोप का खंडन किया है। राज्य पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का डीएनए अभी भी तृणमूल में है। इस लिए तृणमूल नेत्री को सपने में कांग्रेस की कार्यप्रणाली दिख रही है, लेकिन सच यह है कि इस राज्य में सरकार राच्यपाल और संविधान के रक्षकों की कृपा पर टिकी हुई है।
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