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    Kolkata: मेरिट सूची प्रकाशित कर सकता है स्कूल सेवा आयोग, लेकिन भर्ती का अधिकार नहीं; कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Thu, 17 Aug 2023 05:56 PM (IST)

    स्कूल सेवा आयोग (School Service Commission) एक सप्ताह के भीतर राज्य में उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट सूची और प्रतीक्षा सूची प्रकाशित कर सकता है लेकिन वह फिलहाल कोई भर्ती नहीं कर सकता। कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने बुधवार को यह आदेश दिया।

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    स्कूल सेवा आयोग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को अहम आदेश दिया। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) एक सप्ताह के भीतर राज्य में उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट सूची और प्रतीक्षा सूची प्रकाशित कर सकता है, लेकिन वह फिलहाल कोई भर्ती नहीं कर सकता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने बुधवार को यह आदेश दिया।

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    आठ साल से अभ्यर्थी कर रहे इंतजार

    प्रदेश में उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए आठ साल पहले लिखित परीक्षा होने के बावजूद अभ्यर्थी अब भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। भले ही एसएससी का इंटरव्यू कोर्ट के आदेश पर हुआ हो, लेकिन फिलहाल भर्ती पर फिर से सवालिया निशान लग गए हैं।

    अदालत के सामने क्यों पहुंचा मामला?

    दरअसल, नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के एक समूह ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनके वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि साक्षात्कार के बाद उत्तर पुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन किया गया। ऐसा नहीं किया जा सकता। अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

    इसी दिशा में इस दिन जस्टिस सेन की खंडपीठ में एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया। खंडपीठ ने कहा कि 2022 की प्राथमिक भर्ती में उच्च प्राथमिक स्तर के सहायक अध्यापकों को प्राथमिक स्तर के सहायक अध्यापकों की तरह 10 फीसद आरक्षण नहीं मिलेगा।

    इससे पहले न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने फैसला सुनाया था कि उच्च प्राथमिक स्तर पर माध्यमिक शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में समान अवसर मिलेंगे।

    उस फैसले को चुनौती देते हुए बिप्लब ठाकुर सहित नौकरी चाहने वालों के एक समूह ने डिवीजन बेंच में मामला दायर किया था। वादियों के वकील एकरामुल बारी ने कहा कि दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं। इसलिए इस मामले में खंडपीठ ने कहा कि उच्च प्राथमिक के माध्यमिक शिक्षकों को प्राथमिक स्तर की नौकरियों में आरक्षण नहीं मिल सकता है।