West Bengal: संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी के लिए चुनाव आयोग को लिखा था पत्र, हिंसा के बीच DIG का बयान
Bengal Panchayat Chunav पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हिंसा के बीच बीएसएफ के डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने ...और पढ़ें

कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव के बीच हिंसा की कई घटनाएं सामने आई। केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से पहले बीती रात से लेकर अब तक हिंसा में 15 लोगों की मौत की खबर है, जबकि दर्जनों लोग बम- गोली से जख्मी हुए हैं।
इस हिंसा की खबरों के बीच, बीएसएफ के डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को मतदान केंद्रों में BSF, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी।
'सुचारू रूप से हुए मतदान'
सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा, 'कल BSF, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी। जहां भी तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से मतदान हुए। कल सुबह 11 बजे 59,000 ट्रूप्स उपलब्ध थे। 61,636 पोलिंग बूथ में से 4,834 संवेदनशील पोलिंग बूथ घोषित हुए हैं, यह डाटा हमें मीडिया के माध्यम से मिला है।
जो संवेदनशील पोलिंग बूथ होते हैं उसपर प्राथमिकता दी जाती है, इन पोलिंग बूथों पर राज्य के प्रशासन(DM-SP) द्वारा बताए जाने पर हमारे फोर्स की तैनाती की गई थी। हमारे पास पोलिंग बूथ की लिस्ट अभी तक नहीं है। हमने राज्य चुनाव आयोग को इसे लेकर पत्र भी लिखा, पत्र का जवाब हमें मिला जिसमें सिर्फ 61,636 पोलिंग बूथ होने की जानकारी दी गई जबकि संवेदनशील बूथ की जानकारी नहीं दी गई है।'
#WATCH | Kolkata: Yesterday troops of BSF, CAPF and State Armed Forces were deployed for the Panchayat polls. No casualty was reported at the places these troops were deployed. Wherever these troops were deployed the elections were conducted smoothly...We did not receive a list… https://t.co/fuvjZ2BbT1 pic.twitter.com/kfA0tMiSvz
— ANI (@ANI) July 9, 2023
पंचायत चुनावों पर क्या बोले राज्यपाल
राज्य में हुए हिंसा के बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि चुनाव गोलियों से नहीं बल्कि मतपत्रों से होने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस दिन को लोकतंत्र के लिए 'सबसे पवित्र' माना जाना चाहिए। बीते शनिवार राज्य के कई मतदान केंद्रों से मतपेटी और मतपत्र लूटने के साथ-साथ तोड़फोड़ की कई घटनाएं सामने आईं। भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर घटनाओं में शामिल होने का आरोप लगाया है।

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