'खून की प्यासी थी भीड़', मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद अब भी सहमे हैं लोग; TMC ने भाजपा पर लगाया आरोप
शनिवार को शमशेरगंज के जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों द्वारा पिता-पुत्र की हत्या किए जाने के बाद परिवार के लोग अब भी सदमे से उबर नहीं पाए हैं। बगल में रहने वाली एक महिला ने कहा कि उन्हें घर से बाहर घसीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई। हमलावरों ने हिंसा की और फर्नीचर तोड़ दिया। हम अभी भी बाहर जाने से बहुत डरते हैं

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिले के हिंसाग्रस्त व संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की 17 कंपनियों की तैनाती की है।
इसमें बीएसएफ की नौ और सीआरपीएफ की आठ कंपनियां शामिल है। बीएसएफ जवानों ने शनिवार पूरी रात सूती और शमसेरगंज थाना क्षेत्रों में गश्त की। वहीं, हिंसा के सिलसिले में मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों से अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिंसा से अब भी सहमे हैं लोग
- डीजीपी राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार भी शनिवार रात से मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। डीजीपी ने दावा किया कि स्थिति फिलहाल पूरी तरह नियंत्रण में है। जिला प्रशासन ने रविवार को विभिन्न संगठनों के साथ सूती में शांति बैठक की। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के आइजी करनी सिंह शेखावत भी हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के दौरे पर हैं।
- हिंसा के निशान धूलियान, शमशेरगंज और सुती इलाकों में अब भी देखे जा सकते हैं। धूलियान में स्थानीय लोगों ने बम के छर्रे और फर्नीचर की राख दिखाई, जिसे आंगन में रखा गया था और आग लगा दी गई थी। एक व्यक्ति ने कहा, 'सैकड़ों लोगों का एक हथियारबंद गिरोह आया। वे खून के प्यासे थे और चिल्ला रहे थे कि हमारे समुदाय के किसी भी सदस्य को इस इलाके में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि हम अधिनियम के माध्यम से वक्फ की जमीन को छीनने की साजिश में सहयोग कर रहे हैं।'
- सुती में एक फार्मेसी के मालिक ने कहा, 'मैं यहां 50 साल से रह रहा हूं, लेकिन ऐसा नरसंहार कभी नहीं देखा। एक उन्मादी भीड़ अचानक मेरी दुकान की ओर मुड़ी और इससे पहले कि मैं और मेरे कर्मचारी कुछ कर पाते, वे परिसर में घुस गए, हमें पीटा और दुकान को लूटना शुरू कर दिया। हम मौके से भाग गए।'
200 हिंदू घरों को जलाने का आरोप
सूत्रों के अनुसार, हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद में करीब 200 घरों को जला दिया गया। लोगों का आरोप है कि गैस सिलिंडर खोलकर और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में घरों व दुकानों में लूटपाट व आगजनी की। पान के बागानों में भी आगजनी का आरोप है।
बंगाल सरकार में मंत्री सिद्धीकुल्ला चौधरी ने आरोप लगाया कि हिंसा में बाहरी व भाजपा के लोग शामिल थे। यह भी दावा किया कि हिंसा में जिन लोगों की जान गई, वह बीएसएफ की गोली के शिकार हुए। जंगीपुर के स्थानीय तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान ने भी कहा कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे।
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