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    बंगाल पंचायत चुनाव के नामांकन में अधिकारियों के खिलाफ धांधली का आरोप, कलकत्ता HC ने दिए CBI जांच के आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 21 Jun 2023 06:22 PM (IST)

    Bengal Panchayat Poll कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को पंचायत चुनाव के नामांकन में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ धांधली के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। माकपा की दो महिला उम्मीदवारों ने हावड़ा के उलुबेरिया ब्लाक नंबर एक के अनुमंडल अधिकारी के खिलाफ धांधली करने और उनके नामांकन रद करने को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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    चुनावी हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश (फाइल फोटो)

    कोलकाता, ऑनलाइन डेस्क। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भड़की हिंसा का एक मामला कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचा। ऐसे में हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया। हाई कोर्ट ने बुधवार को पंचायत चुनाव के नामांकन में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ धांधली के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।

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    न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने उक्त  शिकायत के आधार पर सीबीआई को सात जुलाई तक उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। 

    माकपा की दो महिला उम्मीदवारों कश्मीरा बीबी और ओमजा बीबी ने एक सरकारी कर्मचारी व हावड़ा के उलुबेरिया ब्लाक नंबर एक के अनुमंडल अधिकारी के खिलाफ उनके नामांकन पत्र के साथ छेड़छाड़ व रद करने को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

    वादिकारियों का आरोप है कि दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के कारण उनके नामांकन पत्र रद कर दिए गए। दावा किया गया है कि इसकी शिकायत अनुमंडल अधिकारी से करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद ही न्यायाधीश सिन्हा ने इस मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए।

    वहीं, दूसरी ओर विपक्ष के एक वर्ग ने राज्य में आगामी पंचायत चुनावं के लिए राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ एक मामला दायर किया था। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा कि अगर अशांति, खून खराबा, जनहानि हो तो चुनाव रोक देना चाहिए। अगर कोई भी प्रत्याशी अशांति के कारण नामांकन नहीं जमा कर सकता है तो आयोग को उसे भी अतिरिक्त समय देना चाहिए।

    आयोग के खिलाफ अनेक शिकायतें, राज्य के लिए शर्म की बात :

    बुधवार को हाई कोर्ट में विपक्ष के एक मामले की सुनवाई हुई। आइएसएफ और वाम दलों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और सवाल किया था कि उम्मीदवारों के नाम राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर क्यों नहीं हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि नामांकन जमा करने का काम खत्म हो गया है। यहां तक कि स्कूटनी पूरी होने के बावजूद उम्मीदवारों के नाम आयोग की वेबसाइट पर नहीं आ रहे हैं।

    इस दौरान विपक्षी उम्मीदवारों को अपना नामांकन दाखिल नहीं करने और मजबूरन अपना नामांकन वापस लेने का प्रसंग भी उठाया। इस संदर्भ में न्यायमूर्ति सिन्हा ने टिप्पणी की कि चुनाव को लेकर बहुत सारी शिकायतें हैं। यह राज्य के लिए शर्म की बात है। न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य को कानून और व्यवस्था के मामले को ठीक से नियंत्रित करना चाहिए।

    उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में हिंसा का आरोप लगाया। विपक्षी दलों का कहना है कि उनके प्रत्याशियों और समर्थकों को तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ डराया और धमकाया, बल्कि उनके द्वारा की गई हिंसा के वह शिकार भी हुए हैं।

    वहीं, तृणमूल ने नामांकन दाखिल करने और उम्मीदवारी वापस लेने के आखिरी दिन मंगलवार को राज्य में विभिन्न स्थानों पर हुई झड़पों के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया।

    कब होगा मतदान?

    त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की लगभग 75,000 सीट के लिए आठ जुलाई को मतदान होगा।

    थम नहीं रही हिंसा

    मंगलवार को एक बार फिर से हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं। दरअसल, मुरीबस्ती इलाके में एक ग्रामीण की कथित हत्या को लेकर भीड़ ने कई दुकानों व घरों में तोड़फोड़ की और फिर आग के हवाले कर दिया। इस घटना के तत्काल बाद इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई।