Move to Jagran APP

Bengal News: संस्था ने बंगाल व झारखंड में लड़कियों की कम उम्र में शादी पर किया सर्वे, सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

Bengal News केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक झारखंड और बंगाल में आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका मूल कारण यह है कि लड़कियों के लिए स्थायी नौकरी के अवसर सीमित हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2022 08:03 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2022 08:03 PM (IST)
Bengal News: संस्था ने बंगाल व झारखंड में लड़कियों की कम उम्र में शादी पर किया सर्वे, सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
Bengal News: दोनों राज्यों में आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News: महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र से जोड़ने के लिए तरह-तरह की स्कीम चलाई जाती रही है, हालांकि देश में कई ऐसे राज्य हैं, जहां पर महिलाओं को रोजगार के क्षेत्रों से ठीक तरीके से नहीं जोड़ा जा सका है। इसकी वजह से कई तरह से सामाजिक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।

loksabha election banner

दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक झारखंड और बंगाल में आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका मूल कारण यह है कि लड़कियों के लिए स्थायी नौकरी के अवसर सीमित हैं।

निष्कर्षों से यह भी स्पष्ट है कि सरकारी योजनाओं का लाभ आबादी के वांछित वर्ग तक नहीं पहुंच रहा है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों की प्रामाणिकता को लेकर संदेह व्यक्त किया है क्योंकि यह सर्वेक्षण कोविड-19 महामारी के दौरान किया गया था। इस अध्ययन की रिपोर्ट पिछले महीने प्रकाशित हुई थी।

50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों की शादी 21 साल से कम उम्र में

अध्ययन के मुताबिक, झारखंड और बंगाल दो ऐसे राज्य हैं, जहां आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। बंगाल में जहां 54.9 प्रतिशत लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है, वहीं झारखंड में यह आंकड़ा 54 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29.5 प्रतिशत है।

झारखंड में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाने वालीं दीपिका पांडे सिंह ने कहा-'महिलाओं को, खासकर ग्रामीण इलाकों में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें स्थायी रोजगार नहीं मिलता है और फिर उनके माता-पिता के पास एक ही विकल्प बचता है, उनकी शादी कर देना। झारखंड में समाज के सभी वर्गों-आदिवासी, हिंदू, अल्पसंख्यक, शिक्षित, अशिक्षित, अमीर या गरीब में कम उम्र में विवाह प्रचलित है। इसे रोकने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।

कोलकाता के प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र की प्रोफेसर सुकन्या सर्बाधिकारी ने कहा-'ग्रामीण क्षेत्रों में किसी युवती के लिए स्थायी नौकरी के सीमित अवसरों के कारण उसके माता-पिता उसकी शादी करने के विकल्प की तलाश कर रहे होते हैं क्योंकि वे उसके आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए लंबी अवधि तक इंतजार नहीं कर सकते। चूंकि पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से झारखंड से सटे हैं इसलिए इस मुद्दे पर उन क्षेत्रों में भी स्थिति समान हो सकती है।

यह भी पढ़ें- Bengal: भाजपा सांसद निशिथ बोले- शाह रूख की जगह सौरव गांगुली को बनाया जाए बंगाल का ब्रांड एंबेसडर, सीएम ममता को जवाब

यह भी पढ़ें- Bengal News: बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र में एक नए आतंकी संगठन का पता चला, भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.