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    West Bengal: किशोरी से दुष्कर्म-हत्या मामले में दोषी को मौत की सजा, 62 दिन में कोर्ट ने सुनाया फैसला

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 05:46 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में एक किशोरी से दुष्कर्म व हत्या के मामले में कोर्ट ने मुस्तकिन सरदार को मौत की सजा सुनाई है। गुरुवार को बारुईपुर के त्वरित अपर जिला न्यायालय के न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय ने मामले के मुख्य आरोपित मुस्तकिन को दोषी ठहराया था। चार अक्टूबर की शाम को नाबालिग ट्यूशन से घर लौटते समय लापता हो गई थी।

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    जयनगर में एक किशोरी से दुष्कर्म और हत्या मामले में कोर्ट ने मुस्तकिन सरदार को सुनाई मौत की सजा।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। महानगर से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में एक किशोरी से दुष्कर्म व हत्या के मामले में कोर्ट ने मुस्तकिन सरदार नामक दोषी को मौत की सजा सुनाई है। गुरुवार को बारुईपुर के त्वरित अपर जिला न्यायालय के न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय ने मामले के मुख्य आरोपित मुस्तकिन को दोषी ठहराया था। इसके बाद शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई गई।

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    आरजी कर कांड को लेकर जिस समय राज्यभर में आंदोलन चल रहा था उसी दौरान जयनगर की घटना प्रकाश में आई थी। जिसके चलते पहले तो काफी शोर मचा। आरजी कर के आंदोलनकारी जयनगर में पीड़िता के घर भी गए। इतना ही नहीं, धर्मतल्ला में जूनियर डाक्टरों की भूख हड़ताल के सामने पीड़ित नाबालिग की 'प्रतीकात्मक मूर्ति' भी रखी गई थी।

    कोर्ट में आरजी कर मामले की चल रही सुनवाई

    प्रदर्शनकारियों ने आरजी कर की मृत महिला डॉक्टर के लिए भी न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए थे, लेकिन चार महीने बाद भी आरजी कर मामले में न्याय नहीं मिला है। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। वहीं दूसरी पर जयनगर की घटना में मात्र 63 दिनों में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुना दी।

    जयनगर मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाए जाने के ठीक बाद राज्य पुलिस की ओर से एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया गया। जिसमें लिखा है कि जयनगर के लिए न्याय! इसमें यह भी लिखा है, यह फैसला अभूतपूर्व है।

    बंगाल में इससे पहले कभी भी रेप-मर्डर केस के महज 63 दिनों के अंदर दोषी को फांसी देने का आदेश नहीं दिया गया था। इस मामले की जांच करने का हमारा एक ही उद्देश्य था, पीड़िता और उसके परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलाना। लड़की वापस नहीं आएगी। लेकिन जिस अभूतपूर्व गति से हम उन्हें और उनके परिवार को 'न्याय' दे पाए, उससे हमें लंबे समय तक न्यायहीन नहीं रहना पड़ा, यही हमारी सांत्वना है, हमारी उपलब्धि है।

    कोर्ट के फैसले पर सीएम ममता बनर्जी ने जाहिर की खुशी 

    सीएम ममता बनर्जी ने कोर्ट के फैसले पर खुशी भी जाहिर की। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, चार अक्टूब को जयनगर में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी को आज बरुईपुर की POCSO अदालत ने इस जघन्य घटना के मात्र 62 दिनों के भीतर ही मौत की सजा सुनाई है।

    इस तरह के मामले में मात्र दो महीने के भीतर दोषसिद्धि और मृत्युदंड राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व है। मैं इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देता हूँ। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता रखती है और यह सुनिश्चित करना जारी रखेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही न्याय से वंचित किया जाए।

    ट्यूशन से घर लौट रही बच्ची के साथ किया गया था दुष्कर्म

    चार अक्टूबर की शाम को नाबालिग ट्यूशन से घर लौटते समय लापता हो गई। जब किशोरी घर नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। स्थानीय थाने में गए लेकिन वहां पुलिस पर असहयोग के आरोप लगे। इसके बाद देर रात बच्ची का शव घर के पास जलाशय से बरामद मिला था। उस रात मुस्तकिन सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया।