Bengal: इस बार भी दुर्गा पूजा की बैठक का खर्च उठाएगा कोलकाता नगर निगम, अभी तक पिछले साल के ही नहीं दिए 50 लाख
Bengal Kolkata Municipal Corporation इस वर्ष भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दुर्गा पूजा पर बैठक के खर्च की जिम्मेदारी कोलकाता नगर निगम पर है। बता दें कि निगम को पिछले वर्ष की बैठक पर खर्च हुए 50 लाख रुपये बकाया अभी तक नहीं मिला है। सरकारी आयोजनों का खर्च उठाने में भी नगर निगम को संघर्ष करना पड़ रहा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। इस वर्ष भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दुर्गा पूजा पर बैठक के खर्च की जिम्मेदारी कोलकाता नगर निगम पर है। बता दें कि निगम को पिछले वर्ष की बैठक पर खर्च हुए 50 लाख रुपये बकाया अभी तक नहीं मिला है। सरकारी आयोजनों का खर्च उठाने में भी नगर निगम को संघर्ष करना पड़ रहा है।
पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगी ममता बनर्जी
22 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी इंडोर स्टेडियम में पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगी। पिछले वर्ष इस आयोजन पर सरकारी खजाने से करीब 50 लाख रुपये खर्च किए गए थे। निगम ने बकाए के लिए जनवरी और अप्रैल में दो बार गृह विभाग के विशेष सचिव अमिताभ सेनगुप्ता को पत्र लिखा है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
कोलकाता पुलिस ने आयोजन का खर्च उठाने के लिए लिखा पत्र
इस बीच कोलकाता पुलिस ने नगर निगम अधिकारियों को इस साल फिर से आयोजन का खर्च वहन करने के लिए लिखा है। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक, बकाया भुगतान नहीं होने से मेयर नाराज हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम का खर्च गृह विभाग द्वारा वहन किया जाना चाहिए।
मेयर के निर्देशानुसार पिछले वर्ष के आयोजन के खर्च की पूरी फाइल फिर से नवान्न में स्थानांतरित कर दी गई है। पिछले साल इस बैठक में भोजन पैकेट और पंडाल पर 49 लाख 25 हजार 950 रुपये खर्च किए गए थे।
क्या बोले कैटरिंग कंपनी के मालिक
भोजन पैकेट की आपूर्ति करने वाले डेकर्स लेन में एक कैटरिंग कंपनी के मालिक देवब्रत हलदर ने कहा कि पिछले साल के आयोजन के भोजन पैकेट के लिए लगभग नौ लाख रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। इस संबंध में मुझसे 22 अगस्त के कार्यक्रम के लिए पैकेट उपलब्ध कराने को कहा गया है। लेकिन, अगर मुझे पिछले साल का बकाया नहीं मिला तो मैं इस बार खाने के पैकेट की जिम्मेदारी नहीं लूंगा।
सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को नहीं मिल रहा पेंशन
इस बीच पिछले मार्च माह से सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को पेंशन का पैसा नहीं मिल रहा है। बकाया पैसा पाने के लिए ठेकेदार आए दिन नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम अधिकारियों के एक वर्ग का मानना है कि अगर सरकारी आयोजन निगम के खजाने के पैसे से किए जाएंगे तो वित्तीय स्थिति और भी चरमरा जायेगी।
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