Bengal: भर्ती घोटाले में हाई कोर्ट ने ED से मांगी अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच प्रगति रिपोर्ट, जज ने किया सवाल
बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले में कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच की प्रगति पर ईडी से रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति सिन्हा ने इस पर भी सवाल उठाया कि केंद्रीय एजेंसी ने बनर्जी को सिर्फ एक बार नोटिस भेजने के बाद मामले में दोबारा क्यों नहीं बुलाया।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले में कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच की प्रगति पर ईडी से रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस सिन्हा ने ईडी को 14 सितंबर तक उनकी बेंच में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने उठाया सवाल
न्यायमूर्ति सिन्हा ने इस पर भी सवाल उठाया कि केंद्रीय एजेंसी ने बनर्जी को सिर्फ एक बार नोटिस भेजने के बाद मामले में दोबारा क्यों नहीं बुलाया। न्यायमूर्ति सिन्हा ईडी के वकील के इस तर्क से संतुष्ट नहीं थी कि बनर्जी ने स्कूल नौकरी मामले में जांच के दायरे से अपना नाम हटाने के लिए पहले ही याचिका दायर कर दी है, इसलिए केंद्रीय एजेंसी इस मामले में आदेश का इंतजार कर रही है।
ईडी की जांच प्रक्रिया पर क्या कहा न्यायमूर्ति ने ?
न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी के वकील की इस दलील पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कहा गया था कि जब तक इस संबंध में याचिका में कोई स्पष्ट आदेश नहीं आता तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती। जस्टिस सिन्हा ने सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि आप जांच प्रक्रिया में प्रगति नहीं करेंगे? ईडी के एक हालिया प्रेस बयान का हवाला देते हुए कोर्ट ने मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी बयान में नामित कार्पोरेट इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ जांच की प्रगति पर सवाल उठाया।
ईडी को कड़ी आलोचना करना पड़ रहा सामना
मंगलवार को न्यायमूर्ति सिन्हा ने यह भी कहा कि अब से बंगाल में करोड़ों रुपये के नगरपालिका भर्ती मामले की केंद्रीय एजेंसी की जांच भी अदालत की निगरानी में होगी। पिछले सप्ताह उक्त कार्पोरेट इकाई के कार्यालय पर छापे के दौरान केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी द्वारा उसी इकाई के कंप्यूटर से एक निजी फाइल डाउनलोड करने को लेकर भी ईडी को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
बताया गया कि ईडी अधिकारी ने अपनी बेटी के लिए एक छात्रावास की खोज करते हुए एक फाइल डाउनलोड की थी। जस्टिस सिन्हा ने ड्यूटी पर रहते हुए एक जांच अधिकारी की ओर से इस तरह की हरकत को बेहद गैरजिम्मेदाराना बताया है।
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