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    Bengal: ममता बनर्जी की सर्वदलीय बैठक से दूर रही कांग्रेस और माकपा, सीएम ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Tue, 29 Aug 2023 08:43 PM (IST)

    मुख्यमंत्री के मुताबिक बंगाल का स्थापना दिवस अगर हम तय नहीं करेंगे तो फिर वे इसे 20 जून को मनाएंगे। लेकिन अगर हम ऐसा करेंगे तो उस दिन हमें दुःख होगा। ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस-माकपा के शामिल नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एक तरह मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विरोधी आइएनडीआइए गठबंधन की बैठक होनी है। इस बैठक में कांग्रेस-माकपा, तृणमूल समेत 26 दलों के नेता शामिल होंगे। वहीं, दूसरी ओर इस विरोधी गठबंधन के घटक दलों का आलम यह है कि मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा मंगलवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस-माकपा ने बहिष्कार किया।

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    कांग्रेस-माकपा के बैठक में शामिल नहीं होना दुखद: ममता

    दरअसल, बंगाल दिवस के लिए पोइला बैशाख(बंगाली नव वर्ष यानी 14 अप्रैल और लीपियर होने पर 15 अप्रैल को मनाया जाता है) का दिन तय करने के लिए ममता ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसमें भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस और वाममोर्चा भी शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस-माकपा के शामिल नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

    साथ ही कहा कि मैं आइएनडीआइए गठबंधन में हूं और हर जगह जब भी बैठक हुई है तो जाती हूं। लेकिन मैं किसी के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहती। उनके मुताबिक कांग्रेस और माकपा के उनकी बैठक में शामिल न होना काफी दुखद है।

    आखिर मामला क्या है?

    पश्चिम बंगाल दिवस किस दिन मनाया जा सकता है, यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य सचिवालय नवान्न में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। लेकिन उस बैठक का भाजपा के साथ-साथ माकपा, भाकपा समेत अन्य वाम दलों के साथ कांग्रेस ने बहिष्कार किया। इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल दिवस को लकेर इतनी सक्रियता क्यों?' वामदलों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह पूछा है।

    मुख्यमंत्री ने पूछा इतनी जल्दबादी क्यों?

    इस दिन मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि इतनी जल्दबादी क्यों? जल्दी के कारण अगर आपने समय रहते विरोध नहीं किया तो यह गैरकानूनी चीज वैध हो जाएगी। यह स्थाई होगा। 20 जून बंगाल का स्थापना दिवस है! मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सुना। यदि आप में से कोई सुना हो तो मुझे बताएं। हम चाहते हैं, ये दिन ना हो। हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विरोध पत्र लिखा है।

    पश्चिम बंगाल दिवस

    इससे पहले, केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 20 जून को राजभवन में पश्चिम बंगाल दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का बयान है कि उन्होंने जो तारीख तय की थी, कुछ दिन पहले ही देखी थी। हमने अपने जीवन में कभी नहीं सुना। 20 जून को गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की। हमें नहीं बताया। अब बंगाल के मामलों की जानकारी वहीं की सरकार और लोगों नहीं होगी. इसलिए इसे जल्दबाजी में करना होगा।

    मैं बातचीत का रास्ता खोली हूं: मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री के मुताबिक, 'बंगाल का स्थापना दिवस अगर हम तय नहीं करेंगे तो फिर वे इसे 20 जून को मनाएंगे। लेकिन अगर हम ऐसा करेंगे तो उस दिन हमें दुःख होगा। बंगाल का स्थापना दिवस कब है यह पता ही नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में चर्चा हुई थी, लेकिन बंगाल के स्थापना दिवस से जुड़े कोई तथ्य विधानसभा के रिकार्ड में नहीं है। मैं बंगाल दिवस के बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही हूं। बातचीत का रास्ता खोली हूं।

    बताते चलें कि माकपा नेतृत्व वाले वाममोर्चा चेयरमैन बिमान बोस ने सोमवार को ही सीएम को पत्र भेज कर बैठक को लेकर कई सवाल उठा दिए थे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने इसे समय की बर्बादी करार दिया था। नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने तो शुरू में ही इस बैठक में नहीं जाने की बात कही थी।