नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुईं ममता बनर्जी, बीजेपी ने साधा निशाना; TMC ने साफ कर दी वजह
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुईं जिससे राज्य की राजनीति में गर्माहट है। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पिछली बैठक में माइक्रोफोन बंद करने के कारण ममता बनर्जी ने इस बार भाग नहीं लिया। भाजपा ने ममता पर निशाना साधा है जबकि तृणमूल ने इसे संघीय ढांचे का अपमान बताया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने से राज्य की सियासत गरमा गई है, हालांकि अधिकारिक रूप से ममता बनर्जी की ओर से बैठक में शामिल नहीं होने की वजह नहीं बताई गई है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि आखिर ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में क्यों शामिल नहीं हुई हैं?
नीति आयोग की पिछली बैठक में ममता बनर्जी शामिल हुई थी, लेकिन उन्होंने उनके भाषण के दौरान माइक्रोफोन बंद कर देने का आरोप लगाते हुए बैठक छोड़कर बाहर निकल आयी थीं। कहा जा रहा है कि यही वजह है कि इस बार ममता बनर्जी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुई हैं।
माइक्रोफोन बंद करने से जुड़ा है मामला
हालांकि उस समय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने माइक्रोफोन बंद करने के ममता के आरोपों को खारिज कर दिया था। नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री के शामिल न होने को लेकर तृणमूल नेता व प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि जहां नीति आयोग की बैठक में संघीय ढांचे के अनुरूप सभी के बयानों पर चर्चा होनी चाहिए। वहां पिछली बार माइक बंद करके घिनौनी घटना घटी थी। ऐसे में बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि क्या वहां अपमानित होने के लिए जाएंगी? और आप बंगाल के बारे में कहां बात कर सकते हैं? मुख्यमंत्री बंगाल की वंचना को उजागर कर रही हैं। वहां जबरन माइक बंद करके केंद्र क्या कहना चाह रहा है? इससे बुरी घटना पहले कभी नहीं हुई। मुझे नहीं पता कि भविष्य में ऐसा होगा या नहीं।
भाजपा ने साधा ममता पर निशाना
- नीति आयोग की बैठक में ममता के शामिल न होने पर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि पिछली बार मुख्यमंत्री ने शिकायत की थी कि उनके भाषण के बीच में माइक बंद कर दिया गया था। संबंधित अधिकारियों ने उस बयान को खारिज कर दिया था।
- केंद्र और राज्य मिलकर समग्र सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए नीति बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल पहले से ही पिछड़ा हुआ है। लाखों प्रवासी श्रमिक हैं। प्रतिभाओं का पलायन हो रहा है।
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