Bengal Politics: 'बड़े-बड़े चुनावों में कहां से आता है हजार- हजार करोड़ रुपये', केंद्र पर ममता का हमला
कहा-ईडी और सीबीआइ इन सब पैसों का स्रोत का पता क्यों नहीं लगाती ? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिवसीय कार्यक्रम में झाड़ग्राम गई हैं।राज्य के बकाया पैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया। ममता बनर्जी ने कहा था केंद्र या तो राज्य के बकाया पैसे दे वर्ना सत्ता छोड़ दे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य के बकाया पैसों को लेकर फिर एक बार बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर हमला बोला। मुख्यमंत्री ने झाड़ग्राम से लौटते हुए पत्रकारों के सवाल जवाब में केंद्र पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा कि दूसरे से जब गलतियां होती हैं तो आप उनके पीछे ईडी और सीबीआइ लगा देते हैं। जब बड़े बड़े नेता चुनाव में हजार हजार करोड़ रुपये खर्च करते हैं तो कहां से आता है इतना पैसा ? क्या ईडी को पता है कि इतना पैसा आखिर आया कहां से? ईडी और सीबीआइ इन सब पैसों का स्रोत का पता क्यों नहीं लगाती ?
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिवसीय कार्यक्रम में झाड़ग्राम गई हैं। बुधवार को भी राज्य के बकाया पैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया। मंगलवार को भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र या तो राज्य के बकाया पैसे दे वर्ना सत्ता छोड़ दे।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने राज्य के 100 दिन के रोजगार के पैसे,आवास योजना के पैसे, सड़क निर्माण के पैसों को रोककर रखा है। केंद्र कोई भी फंड राज्य को नहीं दे रही है। कभी सीबीआइ बता पाई कि चुनाव में हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं तो कहां से आते हैं ये पैसे?। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अर्पिता नाम जिस लड़की के करोड़ों बरामद हुए उस पर ईडी ने कार्रवाई कर दी। तो ठीक ही किया।
जीएसटी के सारे पैसे ले रहा केंद्र :
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल को मिलने वाली कई योजनाओं का पैसा केंद्र ने रोक कर रखा है। लेकिन मेरा सवाल है कि वो हमारा पैसा क्यों रोकेंगे ? केंद्र ने कहा कि देश में एक ही टैक्स होगा तो हम सभी राज्य मान गए। देश में एक ही टैक्स व्यवस्था हो। उसके बाद केंद्र जीएसटी के नाम पर राज्य से सारे पैसे ले रहा है,पर हमें दे नहीं रहा। हमारा बकाया पैसा को क्यों रोक रहे हैं आप। किसी का बकाया रोकने का आपको कोई अधिकार नहीं है। अगर केंद्र सरकार राज्य का बकाया नहीं देती है तो हम इंतजार कर रहे हैं। धीरे-धीरे हम देख रहे हैं कि आगे क्यो होता है। अगर केंद्र सरकार पैसे नहीं देगी तो आंदोलन होगा।