Bengal: चुनावी हिंसा में एक और मौत, 19 दिनों में गईं 11 जानें; न्यायाधीश ने कहा, रोक देना चाहिए पंचायत चुनाव
Bengal 2013 के पंचायत चुनाव में 39 लोगों की जानें गई थीं। जबकि इस बार चुनाव से पहले ही 11 लोगों की जान जा चुकी है। इस साल केवल एक चरण में ही मतदान है। इस बार हाई कोर्ट ने विपक्षी दलों की मांग पर पंचायत चुनाव में 822 कंपनियों की तैनाती का निर्देश दिया है। इसके बावजूद राज्य में हिंसा नहीं थम रही है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उत्तर बंगाल के कूचबिहार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली को एक दिन भी नहीं बीता कि जिले के दिनहाटा इलाके में मंगलवार सुबह चुनावी हिंसा में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसी के साथ पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद 19 दिनों में मौत का आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तृणमूल और भाजपा समर्थक आपस में भिड़ गए। संघर्ष के दौरान गोलीबारी में एक की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि 2013 के पंचायत चुनाव में 39 लोगों की जानें गई थीं। 2013 में केंद्रीय बलों की 800 से अधिक कंपनियों की तैनाती में पांच चरणों में मतदान हुआ था। इस साल केवल एक चरण में ही मतदान है। इस बार हाई कोर्ट ने विपक्षी दलों की मांग पर पंचायत चुनाव में 822 कंपनियों की तैनाती का निर्देश दिया है। कुछ कंपनियां आ गई हैं और राज्य के विभिन्न इलाकों में रूट मार्च कर रही है। इसके बावजूद हिंसा नहीं थम रही। पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही हिंसा शुरू हो गई थी।
कोर्ट ने कहा, रोक देना चाहिए पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव से संबंधित एक मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कड़े शब्दों में कहा कि पंचायत चुनाव को रोक देना चाहिए। अगर एक चुनाव में इतनी हिंसा, खून-खराबा हो रहा है तो यह राज्य सरकार के लिए शर्म की बात है। लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है, मारा-पीटा जा रहा है।
कई चरणों में चुनाव की मांग पर हाई कोर्ट में अर्जी
पंचायत चुनाव कई चरणों में कराने की मांग पर आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आठ चरणों में चुनाव की मांग को लेकर राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। हालांकि आयोग सूत्रों के अनुसार चुनाव एक चरण में ही होगा। इसके लिए जरूरत पड़ने पर आयोग सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा।
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