खड़गपुर के बहुचर्चित श्रीनू नायडू हत्याकांड के सभी 13 आरोपित बाइज्जत बरी, घटना के छह साल बाद हुआ न्याय
छह साल पहले 11 जनवरी 2017 को खड़गपुर की तृणमूल सभासद पूजा नायडू के पति श्रीनू नायडू की न्यू सेटलमेंट इलाके में स्थित पार्टी दफ्तर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हमले में श्रीनू के सहयोगी धर्मा राव की भी मौत हो गई थी जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने रामबाबू समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर में तृणमूल कांग्रेस के पार्टी कार्यालय में घुसकर 2017 में कथित रेलवे माफिया श्रीनू नायडू की हुई बहुचर्चित हत्या मामले में निचली अदालत ने आरोपित बासब रामबाबू समेत सभी 13 लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया है। मेदिनीपुर अदालत के चतुर्थ अपर सत्र जज मंदाक्रांता सहर ने मंगलवार को सभी आरोपितों को बरी करने का आदेश देते हुए यह फैसला सुनाया।
रेलवे माफिया श्रीनू की तृणमूल पार्टी कार्यालय में कर दी गई थी हत्या
छह साल पहले 11 जनवरी 2017 को खड़गपुर की तृणमूल सभासद पूजा नायडू के पति श्रीनू नायडू की न्यू सेटलमेंट इलाके में स्थित पार्टी दफ्तर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हमले में श्रीनू के सहयोगी धर्मा राव की भी मौत हो गई थी जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने रामबाबू समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।
यह घटना उस वक्त घटी थी जब दोपहर के समय श्रीनू तृणमूल वार्ड समिति कार्यालय में बैठे थे। तभी कुछ अज्ञात लोगों ने आकर उन्हें गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें कोलकाता के अस्पताल में रेफर किया गया था, जहां उसी रात उनकी मौत हो गई थी।
घटना के छह साल बाद निचली अदालत ने सभी को किया बरी
मामले की जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में खड़गपुर के ही एक अन्य रेल माफिया बासब रामबाबू को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया था। घटना के 87 दिन बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था। इधर, सरकारी पक्ष के वकील समर नाइक ने कहा कि निचली कोर्ट के फैसले को उपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी। श्रीनू की पत्नी पूजा ने भी फैसले पर निराशा जताते हुए ऊपरी अदालत में जाने की बात कहीं।
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