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    ट्रोलरों के निशाने पर आई सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस, शुभकामना के बदले मिले कई उपदेश

    By Edited By:
    Updated: Sun, 09 Oct 2022 01:18 PM (IST)

    अब सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ट्रोलरों के निशाने पर है। इंटरनेट मीडिया पर हैप्पी दशहरा और दसई पोस्ट करना सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को महंगा पड़ गया। इस पोस्ट पर ट्रोलरों ने सिलीगुड़ी पुलिस का जम कर उपहास उड़ाया है।

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    सिलीगुड़ी मेट्रोपालिटन पुलिस का लोगो। सांकेतिक तस्‍वीर।

    सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता।  इंटरनेट मीडिया पर ट्रोलरों की फौज होती है। यदि ये किसी के पीछे पड़ जाएं तो नाक में दम कर देते हैं। इसी कड़ी में अब सिलीगुड़ी मेट्रोपालिटन पुलिस ट्रोलरों के निशाने पर है। इंटरनेट मीडिया पर 'हैप्पी दशहरा' और 'दसई' पोस्ट करना सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को महंगा पड़ गया। इस पोस्ट पर ट्रोलरों ने सिलीगुड़ी पुलिस का जम कर उपहास उड़ाया है। आखिरकार फिर से सिलीगुड़ी मेट्रोपालिटन पुलिस ने अपने फेसबुक वाल पर बंगाल की रीति के अनुसार  मां दुर्गा की तस्‍वीर पोस्‍ट की और 'शुभो विजोया' लिखा। 

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    ट्रोलरों ने कहा- यह यूपी या बिहार नहीं

    शुभकामना संदेश के बदले ट्रोलरों ने बंगाल की संस्कृति को दूसरे राज्यों से नहीं जोड़ने की सीख पुलिस को दी है। कुछ ने तो यहां तक लिखा कि यह यूपी और बिहार नहीं है, बंगाल है बंगाल। भारत अनेकताओं में एकता वाला देश है। यहा कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं। प्रदेश विशेष के अनुसार अलग-अलग खान-पान और अलग-अलग वेश-भूषा होते हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सैनिक देश के विभिन्न राज्यों से ताल्लुकात रखते हैं। लेकिन उन्हें भारतीय फौज कहा जाता है न कि राज्य विशेष का सैनिक।

    सिलीगुड़ी मेट्रोपालिटन पुलिस ने लिखा 

    इस बार बीते पांच अक्टूबर को विजयादशमी थी। इस दिन सुबह सिलीगुड़ी मेट्रोपालिटन पुलिस के फेसबुक पेज पर हैप्पी दशहरा व दशैं लिखा एक पोस्ट किया गया। इस फोटो में रावण के दस सिर को अलग-अलग रूप में दर्शाया गया। मुख्य सिर को ड्रग्स और बाकी नौ सिरों को ओवर स्पीडिंग, छेड़छाड़, चाइल्ड एब्यूज, डोमेस्टिक वायलेंस, दहेज प्रथा, साइबर क्राइम, ड्रंकेन ड्राइविंग, स्मोकिंग और अल्कोहल को दर्शाया। उसके नीचे लिखा लेट्स बर्न द रावण विथ अस अर्थात आएं साथ मिलकर रावण दहन करते हैं।

     

    पुलिस के इसी पोस्‍ट पर ट्रोलरों ने जमकर उपदेश दिया। फोटो स्रोत: सोशल मीडिया । 

    क्या है कामेंट्स बाक्स में

    इस पोस्ट के बाद से ही ट्रोलरों ने सिलीगुड़ी पुलिस को ट्रोल करना शुरू किया। किसी ने कामेंट बॉक्स में लिखा- यह बंगाल है, यूपी-बिहार नहीं जहां दशहरा मनाया जाता है, यहा विजयादशमी की रीत है। किसी ने लिखा - सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस बंगाल की विजया दशमी की प्रथा भूल गई है। किसी ने लिखा- सिलीगुड़ी पुलिस को तनख्वाह बंगाल सरकार देती है या कोई दूसरी राज्य सरकार। एक ने तो यहां तक लिख दिया कि यह बंगाल की धरती है, यहा विजयादशमी की प्रथा है। बंगाल पर दूसरे राज्यों की प्रथा को थोपना बंद करें। इस पर और भी कई तरह के कमेंटस किए गए हैं। खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट पर कुल 105 कमेंट थे और 23 लोगों ने पोस्ट को शेयर किया।

    विजयादशमी और दशैं मनाने की है परंपरा

    प्रत्येक राज्य के पर्व-त्योहार अलग-अलग हैं। कुछ पर्व त्योहार राज्य विशेष के अनुसार अलग-अलग रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार मनाए जाते हैं। ऐसे ही त्योहारों में से एक दुर्गा पूजा भी है। बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश मे दुर्गा पूजा के नौ दिनों को नवरात्र कहा जाता है। दसवें दिन को दशहरा यानी रावण वध के रूप में मनाया जाता है। वहीं पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दसवें दिन को विजया दशमी कहा जाता है। इस दिन देवी का मुंह मीठा और सिंदूर लगाकर विदाई दी जाती है। वहीं उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग, कालिम्‍पोंग, कर्सियांग व डुआर्स के इलाके में दशमी को दशैं के रूप में मनाते हैं।