80 एमटी ऑक्सीजन से लदी चौथी ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची असम
-ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा असम को 320 एमटी तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूíत जागरण संवाददाता सिलीगुड़

-ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा असम को 320 एमटी तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूíत
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में, पूर्वोत्तर सीमा रेल राज्य सरकारों को हर संभव सहयोग प्रदान रही है। इस संकटपूर्ण स्थिति के दौरान कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जीवन रक्षक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) की माग को पूरा करने हेतु एनएफ रेल कई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का परिवहन कर चुकी है।
असम को अब तक चार ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा 320 एमटी एलएमओ की आपूíत की जा चुकी है।
एनएफ रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार चार कंटेनरों में लदी 80 एमटी एलएमओ के साथ चौथी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन 31 मई को झारखण्ड के टाटानगर से अपने गंतव्य असम के अमिनगांव स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो 1 जून को पहुंची। एनएफ रेल ने इस जीवन रक्षक कंसाइनमेंट के तेज एवं सुरक्षित परिवहन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया।
इस बीच, असम को तीन ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा 240 एमटी एलएमओ की आपूíत की जा चुकी है। इन एलएमओ को अमिनगा?व स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो में 23, 26 एवं 29 मई को खाली किए गए तथा राज्य को राहत पहुंचाई गई।
सभी बाधाओं को पार करते हुए और नए समाधान खोजने के लिए, भारतीय रेलवे देश भर के विभिन्न राज्यों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाकर राहत प्रदान करने की अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। अब तक, भारतीय रेलवे ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 1357 से अधिक टैंकरों में 22916 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूíत की है। उल्लेखनीय है कि 334 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को राहत प्रदान की है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन की आपूíत उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम जैसे 15 राज्यों तक पहुंची है।
भारतीय रेलवे ने ऑक्सीजन आपूíत स्थानों के साथ विभिन्न मार्गो की मैपिंग की है और राज्यों की किसी भी जरूरत के लिये खुद को तैयार रखा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऑक्सीजन राहत सबसे तेज समय में पहुंचे, रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस मालगाड़ियों के संचालन में नए मानक और अभूतपूर्व उपलब्धि बना रहा है। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण माल गाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है। उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर दौड रही मालगाड़िया, उच्चतम अत्यावश्यकता के साथ, विभिन्न क्षेत्रों की परिचालन टीमें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चौबीसों घटे काम कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऑक्सीजन सबसे जल्दी और संभव समय सीमा में पहुंचे। विभिन्न वर्गो में परिचालन दल के परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर एक मिनट कर दिया गया है।
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