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    दिगम्बर जैन का दस लक्षण महापर्व का शुभारंभ

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:40 PM (IST)

    - 10 दिनों तक कई कार्यक्रमों का होगा आयोजन -कोराना काल में घरों में ही तप और प्राथ्

    दिगम्बर जैन का दस लक्षण महापर्व का शुभारंभ

    - 10 दिनों तक कई कार्यक्रमों का होगा आयोजन

    -कोराना काल में घरों में ही तप और प्रार्थना

    जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : श्वेताबर समाज का 8 दिन तक पर्युषण पर्व खत्म हुआ तो दिगंबर जैनसमाज की ओर से 10 दिन तक चलने वाले दस लक्षण पर्व का शुभारंभ हो गया। इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। हांलाकि कोरोना काल को देखते हुए घरों में ही तप और प्रार्थना करने की बात कही गई है। संतों के साथ ही गृहस्थों के लिए भी कर्तव्य हैं। गृहस्थों को इन 10 दिनों तक दस लक्षण का पालन करना चाहिए। जैन धर्मावलंबियों की ओर से दस दिनों तक चलने वाला दस लक्षण महापर्व सोमवार से प्रारम्भ हुआ। 10 दिन इस पर्व को मनाया जाएगा। ये दस लक्षण हैं- क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, संयम, शौच, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं ब्रह्मचर्य। दस लक्षण पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से यह पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक मनाया जाता है। जैन धर्मानुसार दस लक्षणों का पालन करने से मनुष्य को इस संसार से मुक्ति मिल सकती है।

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    क्या है दस लक्षण पर्व

    दिगंबर जैन धर्म में दस लक्षण पर्व का बहुत महत्व है। दस लक्षण पर्व के दौरान जिनालयों में धर्म प्रभावना की जाएगी। दिगंबर जैन समाज में पयुर्षण पर्व/दस लक्षण पर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा, दूसरे दिन उत्तम मार्दव, तीसरे दिन उत्तम आर्जव, चौथे दिन उत्तम सत्य, पाचवें दिन उत्तम शौच, छठे दिन उत्तम संयम, सातवें दिन उत्तम तप, आठवें दिन उत्तम त्याग, नौवें दिन उत्तम आकिंचन तथा दसवें दिन ब्रह्मचर्य तथा अंतिम दिन क्षमावाणी के रूप में मनाया जाएगा।

    कैसे मनाते हैं यह पर्व

    इस पर्व पर श्रद्धालु श्रद्धापूर्वक व्रत-उपवास रखते हैं। इस दौरान जैन व्रती कठिन नियमों का पालन भी करते हैं जैसे बाहर का खाना पूर्णत: वíजत होता है। दिन में केवल एक समय ही भोजन करना होता है। मंदिरों को भव्यतापूर्वक सजाते हैं तथा भगवान महावीर का अभिषेक कर शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं। कोरोना काल मे यह नहीं होगा।