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    क्या है षष्ठी देवी, क्यों की जाती है पूजा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:49 PM (IST)

    जागरण संवाददातासिलीगुड़ी चैती छठ व्रत में सूर्य देवता के साथ-साथ पष्ठी देवी की भी पूजा की

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    क्या है षष्ठी देवी, क्यों की जाती है पूजा

    जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी : चैती छठ व्रत में सूर्य देवता के साथ-साथ पष्ठी देवी की भी पूजा की जाती है। इस संबंध में आचार्य पंडित यशोधर झा ने बताया कि षष्ठी देवी को ही स्थानीय भाषा में छठी मैया कहा जाता है। पष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहा गया है, जो नि:संतानों को संतान देती है। सभी बालकों की रक्षा करती है। प्रथम मनु स्वायम्भुव के पुत्र थे प्रियव्रत। राजा प्रियव्रत को कोई संतान नहीं थी, इसके कारण वह दुखी: रहते थे। एक बार उन्होंने महर्षि कश्यप से संतान का सुख मिलने का उपाय पूछा। महर्षि कश्यप ने राजा से पुत्रेष्टि यज्ञ कराने को कहा। उसके बाद महारानी मालिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया। दुर्योग से वह शिशु मरा हुआ पैदा हुआ। राजा शोक में डूब गये। तभी एक तकित करने वाली घटना घटी। आकाश से से एक सुंदर विमान उतरा, जिससे एक दिव्य नारी प्रगट हुई। जब राजा ने उनसे प्रार्थना की। प्रार्थना के बाद देवी ने कहा कि मैं ब्रह्मा की मानस पुत्री षष्ठी हूं। मैं विश्व के सभी बालकों की रक्षा करती हूं। मानसपुत्री ने शिशु के सर पर हाथ लगाया। वह जीवित हो गया। उसके बाद से आजतक शिशु जन्म पर मां षष्ठी की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं स्कंदपुराण में भी षष्ठी व्रत के बारे में एक कथा मिलती है। एक राजा थे जो कुष्ठ रोग से ग्रस्त थे। उन्हें राज्य छोड़ना पड़ा। ब्राह्मण को छठ व्रत के संबंध में बताते है और वह व्रत करते ही पूरी तरह ठीक होते है।

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