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    West bengal: कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम राजा राम मोहन राय के नाम पर रखने की मांग

    कोलकाता मे दो दिवसीय दौरे पुर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) का नाम बदलकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की थी।

    By Preeti jhaEdited By: Updated: Fri, 17 Jan 2020 09:36 AM (IST)
    West bengal: कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम राजा राम मोहन राय के नाम पर रखने की मांग

    कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोलकाता मे दो दिवसीय दौरे पुर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) का नाम बदलकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की थी। इसको लेकर राज्य में विरोध का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। अब इस को लेकर जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) समेत राज्य के विभिन्न विवि के छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

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    इस क्रम में छात्रों ने बीबीडी बाग से लेकर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट तक एक रैली निकाल विरोध जताया। छात्रों का कहना है कि केपीटी का नाम महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय के नाम पर होना चाहिए न कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर। क्योंकि स्वाधीनता संग्राम के दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंग्रेजों के पक्ष में थे। इस दौरान छात्रों ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा की थी। पीएम मोदी का कहना था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत में औद्योगीकरण के जनक थे, जिन्होंने एक राष्ट्र-एक संविधान के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। 

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को नवीनीकरण के बाद कोलकाता में 4 ऐतिहासिक इमारतों का लोकार्पण किया था। उन्होंने कहा था कि यह बांग्ला भूमि की पवित्र महक को नमन करने का वक्त है। आसमान में भले ही एक चांद चमकता हो, लेकिन बंगाल ने दुनिया को सुभाष चंद्र, ईश्वर चंद्र जैसे अनेक चंद्र दिए हैं।

    मोदी ने कहा  था 'युवा अवस्था में भी बंगाल की भूमि मुझे यहां खींच लाई थी। केंद्र की कोशिश है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने रखे ताकि देश हेरिटेज टूरिज्म के रूप में उभरे। इससे रोजगार के अनेक अवसर बनेंगे। इस कार्यक्रम के बाद रवींद्र सेतु और हावड़ा ब्रिज का संरक्षण होगा। सरकार अपने अभियान में सबसे पहले कोलकाता, वाराणसी, अहमदाबाद के ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित कर रही है। इसके बाद दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद में मौजूद म्यूजियम का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

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