Pahalgam Terror Attack: 'लादेन और असीम मुनीर में बस एक अंतर...', पेंटागन के पूर्व अधिकारी का फूटा PAK आर्मी चीफ पर गुस्सा
पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने का आह्वान किया। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की तुलना ओसामा बिन लादेन से करते हुए कहा कि उनका भी वही हश्र होना चाहिए। रुबिन ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करना चाहिए और असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करना चाहिए।
वॉशिंगटन, एएनआई। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पेंटागन के पूर्व अधिकारी एवं अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने अमेरिका से पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने का आह्वान किया है।
उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के बारे में कहा कि वह ओसामा बिन लादेन से अलग नहीं हैं। रुबिन ने उन पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लादेन जैसा असीम मुनीर का भी अंत होना चाहिए।
रुबिन ने कहा, ''अमेरिका को केवल यही प्रतिक्रिया करनी चाहिए कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करे और असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करे। ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में केवल इतना अंतर है कि ओसामा बिन लादेन गुफा में रहता था और असीम मुनीर महल में रहते हैं। लेकिन इसके अलावा, दोनों एक जैसे हैं और उनका अंत भी लादेन जैसा होना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''यह (आतंकी हमला) चौंकाने वाला था। आप यह दिखावा कर सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक नहीं है, लेकिन वह आतंकवाद का प्रायोजक बना रहेगा, चाहे हम उसे कितना भी सामान्य बनाने की कोशिश करें। अगर इस हमले के समय के बारे में गौर किया जाए तो, जैसे बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आतंकवादी हमला हुआ था, वैसे ही ऐसा लगता है कि पाकिस्तान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाना चाहता है।
अमेरिका को पाकिस्तान को ऐसा करने नहीं देना चाहिए, और हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि यह किसी तरह की अचानक की गई कार्रवाई है।''
रुबिन ने यह भी कहा, हो सकता है कि असीम मुनीर द्वारा हाल में की गई टिप्पणी ने ही पहलगाम हमले के लिए प्रत्यक्ष उकसावे का काम किया हो। ''निश्चित रूप से उस भाषण ने आतंक को हरी झंडी दिखाई। असीम मुनीर ने कहा कि कश्मीर गले की नस है। अब भारत को पाकिस्तान की गर्दन काटने की जरूरत है। इसमें कोई शक नहीं है। अब कोई शार्टकट नहीं है।''
''भारत को आइएसआइ के साथ वही करना चाहिए जो इजराइल ने हमास के साथ किया''
रुबिन ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बीच तुलना करते हुए कहा कि दोनों हमलों में शांतिपूर्ण नागरिकों - इजरायल में उदार यहूदियों को और भारत में मध्यम वर्ग के ¨हदुओं को निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा, ''अब भारत का कर्तव्य है कि वह पाकिस्तान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ वही करे जो इजराइल ने हमास के साथ किया था।'' उन्होंने आतंकवाद को समर्थन देने में कथित भूमिका के लिए आइएसआइ के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ''अब समय आ गया है कि आइएसआइ के नेतृत्व को समाप्त कर दिया जाए, उन्हें एक नामित आतंकवादी समूह माना जाए तथा मांग की जाए कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के सहयोगी प्रत्येक देश भी ऐसा ही करें।''
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