इन युवाओं ने हुनर की कुंजी से तूलिका में तलाशा रोजगार, तस्वीरों को देख आप भी कह उठेंगे वाह
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के 20 से अधिक युवक और युवतियों ने तूलिका को ही रोजगार का जरिया बना दिया है। अपने हुनर की कुंजी से ये युवा दीवारों पर लोक और आधुनिक कला को उकेर रहे हैं। इन युवाओं ने पनघा आर्ट ग्रुप नाम से फर्म भी बनाई है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के 20 से अधिक युवक और युवतियों ने तूलिका को ही रोजगार का जरिया बना दिया है। अपने हुनर की कुंजी से ये युवा दीवारों पर लोक और आधुनिक कला को उकेर रहे हैं। इन युवाओं ने पनघा आर्ट ग्रुप नाम से फर्म भी बनाई है। इन्हें प्राइवेट और सरकारी विभागों की ओर से भी कलाकृतियों को उकेरने का ऑर्डर मिल रहा है। ये युवा इन दिनों आंगनबाड़ी स्कूलों को भव्य बनाने में जुटे हैं। इसके साथ ही जनपद में कोरोना संक्रमण जागरूकता को लेकर इन युवाओं ने जिला मुख्यालय सहित आसपास के शहर और कस्बों में जागरूकता की तस्वीरों को उकेरा है। इन युवाओं के उत्साह को प्रशासन भी पंख फैलाने की उमंग दे रहा है।
उत्तरकाशी के पीजी कालेज से ड्राइंग पेंटिंग से बीए, एमए और बीएड की डिग्री प्राप्त करने वाले इन छात्रों को वर्ष 2017 में उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने प्रेरित किया। साथ ही युवाओं को शहर की दीवारों पर स्वच्छता, महिला उत्पीड़न का विरोध, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान, बाल उत्पीड़न के विरोध में पेंटिंग की अनुमति दी, जिसके बाद विश्वनाथ नगरी में बदरंग दीवारों को खूबसूरत बनाने में जुटे और लोक और आधुनिक कला से शहर को सजाया।
इन युवाओं की कलाकृति को देखते हुए देहरादून, ऋषिकेश, अल्मोड़ा और दिल्ली में चित्रकारी करने की डिमांड आयी। फिर क्या था उन्होंने पनघा आर्ट नाम से अपनी एक फर्म बना दी और तूलिका को आर्थिक जरिया।
पनघा आर्ट ग्रुप ने गंगोत्री से लेकर ऋषिकेश तक कई स्थानों पर उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने और स्वच्छता को प्रेरित करने वाली तस्वीरों को बनाया। वर्ष 2018 में मुनिकीरेती में इनवेस्टर समिट के दौरान भी पनघा आर्ट ग्रुप ने कई कलाकृतियां तैयार की।
सर्व शिक्षा अभियान, बाल विकास, नमामि गंगे, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग की ओर से युवाओं को कालाकृति बनाने के ऑर्डर मिले।
अप्रैल 2019 से ये युवा कलाकार जनपद के भटवाड़ी, डुंडा, चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला और मोरी में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की दीवारों पर कलाकृतियां बनाने का काम कर रहे हैं और आंगनबाड़ी केंद्रों को अपनी कला से सजा रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों में मोगली, जिराफ, संडे-मंडे और विभिन्न प्रकार के खिलौनों की कलाकृतियां बनायी हैं, जिससे बच्चे बहुत उत्साहित होते हैं। इन युवाओं को सर्व शिक्षा अभियान के रूपांतरण कार्यक्रम के तहत भी सरकारी स्कूलों को भव्य बनाने का काम मिला है। अभी तक ये युवा डुंडा ब्लाक और नौगांव ब्लाक के एक-एक स्कूल को भव्य बना चुके हैं।
पनघा आर्ट के संस्थापक मुकुल बडोनी कहते हैं कि अभी तक बनाए गए चित्रों में छाय से प्रकाश की ओर, प्रकाश से छाय की ओर और लोक कला के साथ आधुनिक कला को भी जोड़ा गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में और स्कूलों में बच्चों के मनोविज्ञान के अनुरूप चित्रकारी की जा रही है।
भटवाड़ी तहसील के उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी कहते हैं कि उत्तरकाशी के इन युवा कलाकारों में काफी हुनर है, जिसका प्रदर्शन करने पर उन्हें काफी सराहना मिली। इससे इन कलाकारों को एक रोजगार भी मिल रहा है।
दिल्ली में मिला सम्मान
उत्तराखंड की संस्कृति को अपनी चित्रकारी के जरिये दिखाने का प्रयास करने वाले पनघा आर्टिस्ट ग्रुप के सदस्यों को दिल्ली में दिसंबर 2018 के महाकौथिक में अपनी कलाकृतियों के लिए सम्मानित किया गया।
इसके लिए पनघा ग्रुप के कलाकारों को दिल्ली में आमंत्रित किया गया था। उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण व स्वच्छता के बेहतर कार्य करने पर इन युवाओं को बधाई दी गई।
ये है पनघा की टीम
मुकुल बडोनी, उत्तम रावत, रामवीर, शुभम, लक्ष्मीप्रसाद, प्रणव, गोपाल, मनीष, राजेश, सोबेंद्र, रविंद्र, दिनेश, आशीष, सुशील, देवेश, राकेश, वैशाली, हिमानी, रेशमा, सरस्वती, प्रीति राज शामिल है।
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