उत्तरकाशी के जंगलों में आग से फैल रही धुंध, जन जीवन प्रभावित, गंगा-यमुना घाटियों तक बढ़ा दायरा
जनपद मुख्यालय और आसपास के जंगलों में लगी आग के कारण धुआँ फैल रहा है, जिससे दृश्यता कम हो रही है और बच्चों व बुजुर्गों में श्वसन संबंधी समस्याएँ ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। जनपद मुख्यालय सहित आसपास के जंगल इन दिनों आग की चपेट में हैं। इस कारण जंगलों से उठता धुआं हवाओं के साथ शहर से लेकर गांव तक फैल रहा है, जिससे दृश्यता (विजिबिलिटी) कम होने के साथ ही बच्चों व बुजुर्गों में श्वसन संबंधी परेशानी बढ़ने की आशंका बनी हुई है। चिकित्सकों ने वनाग्नि को ध्यान में रखते हुए एलर्जी व अस्थमा रोगियों से अपना विशेष ध्यान रखने की अपील की है।
बता दें कि जिला मुख्यालय के आसपास उत्तरकाशी वन प्रभाग की मुखेम रेंज, डुंडा रेंज और धरासू रेंज के जंगलों में कई स्थानों पर आग लगी हुई है। जंगलों से उठ रहा धुआं हवाओं के साथ शहर की ओर फैल रहा है, जिससे सुबह व शाम के समय सड़कों पर धुंध जैसी स्थिति बन जा रही है।
क्या बोले स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों का कहना है कि धुंध के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, खांसी और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं। खासतौर पर अस्थमा और अन्य श्वास रोगों से पीड़ित मरीजों की परेशानी बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इधर, जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग की टीमें लगातार प्रयास में जुटी हुई हैं।
विभागीय कर्मचारियों द्वारा पैदल गश्त कर आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। दुर्गम और पहाड़ी इलाका होने के कारण आग बुझाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग पर नियंत्रण के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है और स्थानीय लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है। लेकिन एक ओर वर्षा व बर्फबार न होने से जहां मौसम शुष्क बना हुआ है और सूखी ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मुखेम रेंज के वन क्षेत्राधिकारी गोविंद सिंह पंवार का कहना है कि वनों में आग पर नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वर्षा व बर्फबारी न होने के चलते मौसम शुष्क होने के कारण जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं।
वनों में आग के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होता है, इससे हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने से एलर्जी, अस्थमा के मरीजों को दिक्कत हो सकती है। इसके लिए धुंए या धुंध वाले वातावरण में मास्क का प्रयोग, गुनगुने पानी, मौसमी फल-सब्जियों का सेवन व पर्याप्त गर्म कपड़े पहनना जरूरी है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पर चिकित्सकों की सलाह ली जानी चाहिए।
- डा. पीएस पोखरियाल, प्रमुख अधीक्षक जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी।

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