Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarkashi Tunnel Collapse: 50 घंटे बाद भी सुरंग में फंसी 40 जिंदगियां, सिलक्यारा पहुंचे कर्नल दीपक पाटिल

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Tue, 14 Nov 2023 08:58 AM (IST)

    Uttarkashi Tunnel Collapse दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर रह गए। इन मजदूरों को निकालने के लिए पिछले 50 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची। अब ये रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है।

    Hero Image
    50 घंटे बाद भी सुरंग में फंसी 40 जिंदगियां

    जागरण संवाददाता उत्तरकाशी। चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में पिछले 50 घंटे से अधिक समय से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। इन श्रमिकों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची। इस मशीन को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। श्रमिकों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी पहुंच गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले रेस्क्यू टीम ने भूस्खलन के मलबे में एमएस पाइप डालने और ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म बनाया। साथ ही सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के लिए पानी निकासी के पाइप के जरिये चुने, मुरमुरे और चिप्स भी भेजे गए। साथ ही वॉकी टॉकी से बाहर खड़े श्रमिकों ने फंसे श्रमिकों से भी संवाद किया गया। सभी श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

    मलबा बना मुसीबत

    गत सोमवार को बचाव टीम सुरंग के अंदर कैविटी वाले क्षेत्र से मलबा हटाने में जुटी रही। करीब चार सौ टन मलबा हटाने के बाद फिर से कैविटी वाले क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है और खाली किए गए स्थान पर मलबा का ढेर जमा हुआ। बचाव टीम और इंजीनियरों से विस्तृत चर्चा के बाद यह तय किया गया कि करीब 21 मीटर क्षेत्र से मलबा हटाया जाए। उससे जुड़े खुले क्षेत्र में सुरक्षित मार्ग बनाने के लिए प्लेटफार्म बनाया गया। 900 एमएम व्यास के एमएस पाइप भी साइट पर पहुंच रहे हैं।

    यह भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel Collapse Live Updates: कर्नल दीपक पाटिल को सौंपी गई रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान, अब स्टील पाइप से निकाले जाएंगे मजदूर

    ऐसे डाले जाएंगे पाइप

    सिलक्यारा सुरंग के भूधंसाव से अवरुद्ध हिस्से में 900 एमएम व्यास के एमएस पाइप ऑगर ड्रिलिंग मशीन से डाले जाएंगे। ये पाइप करीब 60 मीटर हिस्से में डाले जाने हैं। भूस्खलन के दायरे के अनुसार इनकी लंबाई भी बढ़ सकती है। जिससे इन पाइपों के जरिये फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग होगी। ऑगर मशीन के लिए रात तीन बजे प्लेटफार्म तैयार किया गया। साथ ही ऑगर ड्रिलिंग मशीन को स्थापना का कार्य प्रगति पर है।

    कर्नल पाटिल आज पहुंचे सिलक्यारा

    रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान अब कर्नल दीपक पाटिल को सौंप दी गई है। कर्नल दीपक पाटिल एनएचआइडीसीएल में इस परियोजना के पूर्व महाप्रबंधन रह चुके हैं। जो की सेना से प्रतिनियुक्ति पर वर्ष 2018 से इस सुरंग निर्माण का कार्य देख रहे थे। प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म होने पर कर्नल दीपक पाटिल डेढ़ सप्ताह पहले अपने मूल विभाग वापस सेना में चले गए थे। सेना ने फिर से उन्हें इस परियोजना में निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है। कर्नल दीपक पाटिल आज सिलक्यारा पहुंचेंगे। उन्हें इस सुरंग के निर्माण से संबंधित काफी अनुभव है।