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    उत्तरकाशी में भूस्खलन का अधिक खतरा, गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर 28 Landslide Zone; कई लोगों ने गंवाई जान

    By Shailendra prasadEdited By: riya.pandey
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 03:48 PM (IST)

    Uttarkashi Landslide सीमांत जनपद उत्तरकाशी भूस्खलन के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील है। बीते तीन माह के अंतराल में गंगोत्री व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन जोन में पत्थर गिरने और मलबे की जद में आने से पांच तीर्थयात्रियों सहित छह की मौत हुई है। दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में 28 अतिसंवेदनशील भूस्खलन जोन हैं। कुछ भूस्खलन जोन के निकट आबादी क्षेत्र और छोटे कस्बे भी हैं।

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    Uttarkashi Landslide: गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर 28 भूस्खलन जोन

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: Uttarkashi Landslide: सीमांत जनपद उत्तरकाशी भूस्खलन के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील है। बीते तीन माह के अंतराल में गंगोत्री व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन जोन में पत्थर गिरने और मलबे की जद में आने से पांच तीर्थयात्रियों सहित छह की मौत हुई है। दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में 28 अतिसंवेदनशील भूस्खलन जोन हैं।

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    कुछ भूस्खलन जोन के निकट आबादी क्षेत्र और छोटे कस्बे भी हैं। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुराना धरासू, धरासू बैंड, रतूड़ी सेरा, बंदरकोट, चुंगी बडेथी, लक्षेश्वर, नेताला, मनेरी, लालढांग, भटवाड़ी, स्वारी गाड, हेल्गू गाड, सुनगर, गंगनानी, डबराणी, हर्षिल और धराली शामिल है। इनमें सबसे डेंजर जोन में भटवाड़ी, गंगनानी, सुनगर, धराली और धरासू शामिल है। इनमें भटवाड़ी, गंगनानी, धराली आबादी वाले क्षेत्र में शामिल है।

    गंगानानी में हुए भूस्खलन के मलबे में तीन वाहन दबे

    गंगनानी में 10 जुलाई को भूस्खलन के मलबे में तीर्थयात्रियों के तीन वाहन दबे, इसमें चार तीर्थयात्रियों की घटना स्थल पर मौत हुई और 12 तीर्थयात्री घायल हुए। सुनगर के निकट और धरासू में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती हैं।

    यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी अतिसंवेदनशील भूस्खलन जोन में कल्याणी, महरगांव, ब्रह्मखाल, सिलक्यारा, खरादी, किसाला, कुथनौर, डाबरकोट, झरझर गाड़, राना चट्टी, पालीगाड़ शामिल है। इनमें सबसे संवेदनशील भूस्खलन जोन में डाबरकोट शामिल है।

    नौ जुलाई को एक पुलिस जवान की हुई थी मौत

    डाबरकोट में बीती 9 जुलाई को एक पुलिस जवान की ड्यूटी के दौरान पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से मौत हुई। जबकि खरादी के पास एक महिला तीर्थयात्री भी पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आई। जिससे महिला की मौत हुई थी।