Updated: Fri, 03 Oct 2025 02:11 PM (IST)
उत्तरकाशी में डिजिटल मीडिया के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की मौत शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई। डीजीपी द्वारा गठित जांच समिति ने पाया कि राजीव ने अपने एक पुलिसकर्मी दोस्त के साथ शराब पी थी। सीसीटीवी फुटेज में वे नशे में धुत दिखे। घटना से पहले वे एक होटल में गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुर्घटना के कारण उनकी छाती और पेट में चोट लगने की पुष्टि हुई।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। डिजिटल मीडिया के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की मौत शराब पीकर कार चलाने से हुए हादसे में हुई थी। डीजीपी की ओर से गठित जांच समिति की पड़ताल में यह बात सामने आई है।
समिति के प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राजीव ने हादसे से पहले पुलिस विभाग में कार्यरत अपने मित्र के साथ शराब पी थी। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि दोनों नशे में इतने धुत थे कि ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।
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गुरुवार शाम पत्रकारों से वार्ता में पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि राजीव की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए जांच समिति का गठन किया गया था। टीम ने राजीव की काल डिटेल और विभिन्न इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।
इसमें पता चला कि 18 सितंबर की शाम करीब सात बजे राजीव को उसके मित्र हेड कांस्टेबल सोबन सिंह का फोन आया। इसके बाद राजीव अपने कैमरामैन मनबीर कलूड़ा के साथ पुलिस लाइन की ओर गए। रास्ते में शहीद स्मारक पर उन्हें सोबन मिला और वहां से तीनों कार से बाजार गए।
इसके बाद उन्होंने ज्ञानसू टैक्सी स्टैंड के नीचे पार्किंग में रात दस बजे तक शराब पी। यहां से मनबीर पैदल अपने घर चला गया, जबकि राजीव व सोबन कार से फिर बाजार गए और वहां रात 11:22 तक एक होटल में शराब पी व खाना खाया। होटल से निकलने के बाद राजीव सोबन की कार लेकर गंगोरी की तरफ निकल गया।
गंगोरी पुल पर सीसीटीवी कैमरे में वह अकेले गलत साइड में कार चलाता दिखा और रात 11:40 के बाद उसका फोन बंद गया। तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटना के वक्त कार चालू हालत में थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजीव की छाती व पेट में चोट और पसलियां टूटने की बात सामने आई, जो स्टेयरिंग के छाती व पेट में लगने से संभव है।
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