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    Uttarkashi Earthquake: उत्तरकाशी के इन तहसीलों में देर रात महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों से बाहर भागे लोग

    Earthquake In Uttarkashi उत्तरकाशी जनपद के तहसील पुरोला बड़कोट मोरी में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रात 3.48 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.9 नापी गई । भूकंप के झटकों से ग्रामीणों की नींद खुली है और ग्रामीण अपने घरों से बाहर आए। भूकंप का केंद्र बड़कोट के निकट स्यालना के जंगल में रहा।

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 11 Sep 2023 12:17 PM (IST)
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    Uttarkashi Earthquake: उत्तराकाशी में देर रात 2.9 की तीव्रता से आया भूकंप

    उत्तरकाशी, जागरण टीम। Earthquake In Uttarkashi: उत्तरकाशी जनपद के तहसील पुरोला, बड़कोट, मोरी में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रात 3.48 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.9 नापी गई। भूकंप के झटकों से ग्रामीणों की नींद खुली है और ग्रामीण अपने घरों से बाहर आए। भूकंप का केंद्र बड़कोट के निकट स्यालना के जंगल में रहा।

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    जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सभी तहसील थाना चौकियों से डेल्टा के माध्यम से दूरभाष द्वारा सूचना ली गई है, जिसमें भूकंप से कहीं भी जनहानि पशु हानि नहीं हुई है ।

    उत्तरकाशी में बीते 29 अगस्त को भी आया था भूकंप

    बता दें कि उत्तरकाशी में बीते 29 अगस्त की देर शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 29 अगस्त को शाम के समय जिला मुख्यालय समेत आस-पास के इलाकों में लोगों ने भूकंप का अनुभव किया गया था, जिसके बाद लोग बचाव के लिए सतर्क हो गए थे। कुछ जगहों पर लोग घरों से बाहर भी निकल गए थे। हालांकि, उस दिन भी किसी भी प्रकार की अनहोनी की सूचना नहीं मिली।

    2.8 मापी गई भूकंप की तीव्रता

    भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 29 अगस्त की शाम 4:56 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.8 मापी गई थी, जिसका केंद्र जिला मुख्यालय के निकट पिलंग सिल्ला के जंगल में बताया गया।

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    वर्ष 1991 में आए भूकंप में आठ सौ से अधिक लोगों की हुई थी मौत

    गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 1991 को आए भूकंप में आठ सौ से अधिक व्यक्ति मारे गए थे, जबकि सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे। 1999 के भूकंप ने फिर उत्तरकाशी को डराया। इसके बाद भी जिले में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे। भूगर्भीय दृष्टि से उत्तरकाशी अत्यंत संवेदनशील जोन 5 में स्थित है।