Uttarkashi Cloud Brust: आसमानी आफत के साथ अंधेरे में बेबस हुआ तंत्र, सटीक घटनास्थल पहुंचने में टीमों को लगा काफी वक्त
रविवार रात उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बारिश और निकटवर्ती गांवों में बादल फटने की घटना के आगे ग्रामीण बेबस नजर आए। घटना की सूचना पर पुलिस आपदा प्रबंधन और प्रशासन की टीम बारिश के बीच घटनास्थल के लिए रवाना तो हुई।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। रविवार रात उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बारिश और निकटवर्ती गांवों में बादल फटने की घटना के आगे ग्रामीण बेबस नजर आए। घटना की सूचना पर पुलिस, आपदा प्रबंधन और प्रशासन की टीम बारिश के बीच घटनास्थल के लिए रवाना तो हुई। लेकिन, राहत-बचाव अभियान शुरू करने के लिए सटीक घटनास्थल पर पहुंचने में टीमों को काफी समय लगा। साथ ही उन्हें बारिश थमने का इंतजार भी करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी अंधेरे के कारण हुई। कंकराड़ी गांव विद्युत सुविधा से जुड़ा न होने से काफी दिक्कत हुई। वहीं संचार सुविधा सुचारू न होने और मार्ग जगह-जगह बंद होने से कंकराड़ी गांव में रेस्क्यू टीम रात 12 बजे के बाद पहुंची।
जिला मुख्यालय के निकट मांडो गांव से रात नौ बजे बादल फटने की प्राथमिक सूचना आई। इसमें निराकोट-सिल्याण क्षेत्र में बादल फटने से हुए नुकसान की सूचना दी गई। ग्रामीण घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। इसी बीच मांडो गांव में एक ही परिवार की एक बच्ची सहित दो महिलाओं के घर के आंगन से ही बहने की सूचना गांव में फैली तो ग्रामीण और अधिक खौफजदा हो गए। रात करीब साढ़े नौ बजे बाड़ागड़ी पट्टी के कंकराड़ी गांव से बादल फटने के कारण दो मकान ध्वस्त होने और एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना मिली।
सूचना के बाद खोज-बचाव टीमों की मुश्किलें और बढ़ गई। प्रशासन के निर्देश पर दो रेस्क्यू टीमें बनाई गई। लेकिन, कंकराड़ी गांव के लिए रवाना टीम को जगह-जगह रास्ते बंद होने के कारण गांव तक पहुंचने में काफी समय लग गया। कंकराड़ी-मुस्टिकसौड़ क्षेत्र में ग्रामीण पहले अपने घरों की ओर जाते उफान को रोकने के प्रयास में लगे रहे। लेकिन, जब उफान बढ़ता गया तो जान बचाने के लिए सड़क की ओर भाग निकले। एक-दूसरे को बचाने के लिए ग्रामीण बारिश के बीच आवाज देते रहे। कंकराड़ी क्षेत्र में संचार सुविधा सुचारू न होने के कारण भी सही सूचनाएं समय पर प्रशासन को नहीं मिल पाई।
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