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    अव्‍यवस्‍था: उत्‍तरकाशी में नहीं एक भी गाइनोकोलॉजिस्ट

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Tue, 24 Jan 2017 07:00 AM (IST)

    उत्‍तरकाशी में गाइनोकोलॉजिस्ट का कार्यभार एक डीजीओ देख रही है। जबकि यमुना घाटी के अस्पतालों में डीजीओ भी तैनात नहीं है। महिलाओं व नवजात को मजबूरन देहरादून रेफर करना पड़ रहा है।

    अव्‍यवस्‍था: उत्‍तरकाशी में नहीं एक भी गाइनोकोलॉजिस्ट

    उत्तरकाशी, [जेएनएन]: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सकों के अभाव में दम तोड़ रही है। हाल ये है कि स्वास्थ्य महकमे को महिलाओं के स्वास्थ्य की भी चिंता नहीं है। जिले में महिला चिकित्सालय तो हैं, मगर गोइनोकोलॉजिस्ट का पद पिछले दो साल से खाली है।

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    गाइनोकोलॉजिस्ट का कार्यभार एक डीजीओ देख रही है। जबकि यमुना घाटी के अस्पतालों में डीजीओ भी तैनात नहीं है। महिलाओं व नवजात को 150 किलोमीटर दूर देहरादून रेफर करना पड़ रहा है।

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    विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तरकाशी जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है। इस बदहाली के बीच आधी आबादी की सबसे बड़ी उपेक्षा हो रही है। कहने को तो उत्तरकाशी जनपद में जिला महिला चिकित्सालय, चार संयुक्त चिकित्सालय सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप केंद्र हैं। लेकिन जिले में गाइनोकोलॉजिस्ट नहीं है।

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    केवल जिला महिला अस्पताल में एक डीजीओ है। जिले के अन्य सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गाइनोकोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं की गई है। गाइनोकोलॉजिस्ट न होने के कारण असाधारण स्थिति वाले प्रसव उत्तरकाशी में नहीं हो पाते हैं।

    भले ही जिला अस्पताल में मौजूद डीजीओ महिला चिकित्सक ने एक साल के अंतराल में 20 प्रसव ऑपरेशन से करे। लेकिन 35 महिलाओं को रेफर भी करना पड़ा है। प्रसव होने के बाद शिशुओं की स्थिति नाजुक होने पर 40 शिशुओं को भी दून रेफर किया है। उत्तरकाशी के जिला महिला अस्पताल में वेंटिलेटर भी सुविधा नहीं है। यमुना घाटी के अस्पतालों में तो और भी बुरा हाल है। यहां महिलाओं को प्रसव के लिए सीधे दून के अस्पतालों में जाना पड़ता है।

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    यहां तक कि प्रसव से पूर्व होने वाली जांच के लिए भी यमुना घाटी की महिलाओं को देहरादून जाना पड़ रहा है। पुरोला में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है। जबकि नौगांव में अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है।

    जिले के अस्पतालों में काफी समय से गाइनोकोलॉजिस्ट की कमी बनी हुई है। जिला उत्तरकाशी के सीएमओ मेजर डॉ. वचन सिंह रावत के अनुसार, महिला अस्पताल में डीजीओ कार्यभार देख रही हैं। इसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। अगर गाइनोकोलॉजिस्ट की तैनाती हो जाती है तो उत्तरकाशी से प्रसूताओं को रेफर नहीं करना पड़ेगा।

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