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    गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने के बाद भी शुरु नहीं हो पाया सिंगल विंडो सिस्टम का नया पोर्टल, पर्यटकों को हो रही परेशानी

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Sat, 05 Apr 2025 10:01 AM (IST)

    गंगोत्री नेशनल पार्क (Gangotri National Park) के गेट खुलने के बाद भी जनपद में सिंगल विंडो सिस्टम का नया पोर्टल शुरू नहीं हो पाया है। पर्यटकों को इनर लाइन क्षेत्र में आने वाले ट्रैक रूटों के लिए ऑनलाइन अनुमति देने के साथ फेसलेस व कैशलेस सुविधा देने का दावा किया गया था। लेकिन यह पोर्टल अब तक शुरु नहीं हो पाया है।

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    गोमुख तपोवन ट्रैक पर जाता ट्रैकरों का दल। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने के बाद भी जनपद में सिंगल विंडो सिस्टम का नया पोर्टल शुरु नहीं हो पाया है। बीते वर्ष जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा को सिंगल विंडो सिस्टम का नया यूजर फ्रैंडली पोर्टल बनाने की बात थी, जिसमें पर्यटकों को इनर लाइन क्षेत्र में आने वाले ट्रैक रुटों के लिए आनलाइन अनुमति देने के साथ फेसलेस व कैशलेस सुविधा देने का दावा किया गया था।

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    दरअसल, प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज उत्तरकाशी जनपद में लगभग 60 से अधिक ट्रैक रूट हैं। इनमें से कई ट्रैक रूट व पर्यटन स्थल इनरलाइन (संरक्षित क्षेत्र) में आते हैं, जिसके भ्रमण के लिए ट्रैकर व पर्यटकों को संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी समेत गंगोत्री नेशनल पार्क व वन विभाग आदि से इनरलाइन परमिट लेना होता है।

    इसके लिए उन्हें एक विभाग से दूसरे के चक्कर भी काटने के चलते परेशानी उठानी पड़ती है। ट्रैकर्स और पर्यटकों की इस परेशानी को मध्येनजर रखते हुए जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग ने गत वर्ष सिंगल विंडो सिस्टम का नया पोर्टल तैयार करवाने की बात कही थी, जिसमें सामान्य ट्रैक के साथ इनरलाइन क्षेत्र के ट्रैक के लिए भी अनुमति दी जानी थी। लेकिन गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने के साथ ही जनपद में पर्यटकों का आना शुरु हो गया है।

    गंगोत्री नेशनल पार्क। जागरण


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    लेकिन यह पोर्टल अब तक शुरु नहीं हो पाया है। इससे पर्यटकों को वर्तमान में इनरलाइन क्षेत्र में स्थित नेलांग घाटी आदि के लिए फिलहाल पुरानी व्यवस्था से ही अनुमति लेनी पड़ रही है। जबकि पूर्व में अधिकारियों का कहना था कि सिंगल विंडो सिस्टम के नए पोर्टल पर भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) काम भी कर रही है, जिसे अप्रैल से पूर्व तैयार कर लेने की बात कही गयी थी।

    वर्तमान में पर्यटक आफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भ्रमण कर रहे हैं। जल्द ही सिंगल विंडो सिस्टम का नया पोर्टल लांच कर दिया जाएगा, जिसके बाद पर्यटकों को सुविधा मिलनी शुरु हो जाएगी। -डा. मेहरबान सिंह बिष्ट, डीएम उत्तरकाशी।

    नए पोर्टल पर ये मिलनी थी सुविधा

    नए पोर्टल में ट्रैकिंग से संबंधित सभी विभागों को लाग इन दिया जाना था, जिससे ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था होती। किस ट्रैक पर कितने पर्यटन रवाना हुई हैं, सभी को इसकी सूचना जाती। संबंधित विभाग इसका रियल टाइम डेटा भी देख सकते। यह कैशलेस होने के साथ फेसलेस होगा, जिसमें ट्रैकिंग एजेंसी के रेट भी देख सकते थे।

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    सिंगल विंडो सिस्टम के नए पोर्टल के साथ नई एसओपी लागू करने बात कही गयी थी। लेकिन यह अब तक लागू नहीं हो पायी है। जबकि पर्यटक आना शुरु हो गए हैं। पर्यटकों की सुविधा को जल्द पोर्टल व एसओपी लागू की जानी चाहिए। -जयेंद्र राणा, अध्यक्ष गढ़वाल हिमालयन ट्रैकिंग एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन।

    ट्रैकिंग व पर्वतारोहण के लिए नई एसओपी भी नहीं हो पाई लागू

    गत वर्ष जिला प्रशासन ने ट्रैकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियों के लिए नई एसओपी(मानक संचालन प्रक्रिया) भी लागू करने की बात कही थी। हालांकि इसके लिए तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने नई एसओपी का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया था, लेकिन अब तक नई एसओपी लागू नहीं हो पायी है।