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यहां लिंगानुपात के आंकड़ों पर हुई है लीपापोती, जानिए

उत्तरकाशी जिले में लिंगानुपात को लेकर मचे हड़कंप के बीच अब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन खुद को इस पूरे मामले से बचाने की जुगत में लग गया है।

By Edited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 07:03 PM (IST)
यहां लिंगानुपात के आंकड़ों पर हुई है लीपापोती, जानिए
यहां लिंगानुपात के आंकड़ों पर हुई है लीपापोती, जानिए

उत्तरकाशी, जेएनएन। भ्रूण लिंगानुपात को लेकर उत्तरकाशी जनपद में मचे हड़कंप के बीच अब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन खुद को इस पूरे मामले से बचाने की जुगत में लग गया है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी इसमें अब कुछ कहने से बच रहे हैं। वहीं, आशा कार्यकर्ताओं ने भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले जारी किए गए आंकड़ों को गलत ठहराया है। 

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उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि पिछले तीन माह में भ्रूण लिंगानुपात को लेकर जो आंकड़े आए हैं। उन्हें लगता है कि उन आंकड़ों को सही ढंग से जांचा-परखा नहीं गया है। मातृ प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार आंकड़े सही हैं, जिसमें तीन माह को भ्रूण लिंगानुपात 1024 आ रहा है, जो काफी बेहतर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि पिछले तीन माह में जिला अस्पताल में जो प्रसव हुए हैं। उनमें भी बालिकाओं की संख्या अधिक थी। इसलिए आशा रिसोर्स सेंटर की रिपोर्ट के आधार पर गांवों में पड़ताल की जा रही है। 

सोमवार को जिलास्तरीय अधिकारियों की 26 टीमें 82 गांवों को रवाना हो चुकी हैं। एक-दो दिन के अंतराल में ही रिपोर्ट आ जाएगी। इस रिपोर्ट के आने से गांव में 0 से 6 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं का लिंगानुपात भी सामने आ जाएगा। वहीं आशा संगठन की अध्यक्ष सावित्री ने कहा कि उन्होंने सभी आशाओं से बातचीत की है। सभी गांवों में भ्रूण लिंगानुपात के आंकड़े सामान्य हैं और सही आंकड़े आशा रिसोर्स सेंटर के अलावा एएनएम को दिए गए थे। जिन गांवों को जिला प्रशासन ने रेड जोन में रखा है, उन गांवों में बेटियां भी पैदा हो रखी हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को भ्रूण लिंगानुपात के आंकड़ों को सही करना चाहिए।

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