नचिकेता ताल की खूबसूरती नहीं निहार पा रहे है पर्यटक, पढ़िए पूरी खबर
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से मात्र 32 किमी के फासले पर नचिकेता ताल है लेकिन प्रचार-प्रसार न हो पाने के कारण इस ताल का सौंदर्य निहारने से पर्यटक वंचित रह जाते हैं।
उत्तरकाशी, शैलेंद्र गोदियाल। समुद्रतल से 2370 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरकाशी व टिहरी जिले की सीमा से लगा नचिकेता ताल गढ़वाल के शीतकालीन पर्यटन स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। 1200 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला सात से दस फीट गहरा यह मनमोहक ताल (झील) जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से मात्र 32 किमी के फासले पर है। लेकिन, प्रचार-प्रसार न हो पाने के कारण इस ताल का सौंदर्य निहारने से पर्यटक वंचित रह जाते हैं। कहते हैं कि ऋषि उदालक के पुत्र नचिकेता ने इस ताल का निर्माण कराया था। इसलिए इसका नाम नचिकेता ताल पड़ा।
नचिकेता ताल पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से चौरंगीखाल तक 29 किमी की दूरी वाहन से तय करनी पड़ती है। यहां से तीन की पैदल दूरी पर है नचिकेता ताल। चारों ओर मोरू, बांज, बुरांश व चीड़ का जंगल इस ताल के सौंदर्य में चार चांद लगाता है। लेकिन, अफसोस! इतने खूबसूरत ताल के बारे में पर्यटकों को जानकारी ही नहीं है। यही वजह है कि इस सीजन अब तक मात्र 120 पर्यटक ही नचिकेता ताल पहुंच पाए हैं। जबकि इन दिनों नचिकेता ताल के आसपास का बुग्याली (मखमली घास वाला) क्षेत्र हल्की बर्फ से ढका हुआ है।
दस रुपये में निहार सकते हैं ताल का सौंदर्य
नचिकेता ताल के चारों ओर वन विभाग ने टहलने के लिए रास्ता भी बनाया हुआ है। पर्यटक वन विभाग के काउंटर पर प्रवेश शुल्क के रूप में दस रुपये की पर्ची कटाकर ताल का सौंदर्य निहार सकते हैं।
बैशाखी को उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब
नचिकेता ताल में प्रतिवर्ष बैशाखी के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है। ताल के किनारे नाग देवता का एक छोटा-सा मंदिर भी है, जिसमें दर्शनों को टिहरी और उत्तरकाशी सहित अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। ताल में स्नान करने के बाद श्रद्धालु ताल में मौजूद शैवाल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
सीएम के निर्देश पर भी नहीं जागा विभाग
तीन वर्ष पहले उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नचिकेता ताल को जोड़ने वाले रास्तों को बेहतर बनाने और वहां पर्यटक विश्राम करने के लिए उपयुक्त स्थल का चयन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पर्यटन विभाग उत्तरकाशी ने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा। लेकिन, अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई।
बोले अधिकारी
प्रकाश खत्री (जिला पर्यटन अधिकारी, उत्तरकाशी) का कहना है कि नचिकेता ताल को जाने वाले रास्ते और अन्य विकास कार्यो के शासन में प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन, शासन से धनराशि प्राप्त न होने के कारण इस दिशा में प्रगति नहीं हो पाई। नचिकेता ताल अधिक से अधिक पर्यटक पहुंचें, इसके लिए भी एक पत्र पर्यटन विभाग के प्रचार-प्रसार अधिकारी को भेजा गया है।
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