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इन गांवों में आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाती हैं बेटियां, जानिए वजह

उत्तरकाशी जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां बेटियां आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाती है। हालांकि यहां आठवीं से आगे पढ़ने वाले बालकों की संख्या भी हैरान करने वाली है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 01:28 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 08:28 PM (IST)
इन गांवों में आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाती हैं बेटियां, जानिए वजह
इन गांवों में आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाती हैं बेटियां, जानिए वजह

उत्तरकाशी, शैलेंद्र गोदियाल। देश में भले ही 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' का नारा बुलंद हो रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी कई गांवों में बेटियों को आठवीं से आगे की शिक्षा नसीब नहीं हो पाती। यही नहीं, इन गांवों में आठवीं तक पढ़ने वाली बेटियों की संख्या भी बेहद सीमित है। कुछ ऐसी ही तस्वीर है टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट में पड़ने वाले उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक स्थित सुदूरवर्ती चार गांवों ओसला, गंगाड़, ढाटमीर और पवाणी की। 

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जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 200 किमी दूर पड़ता है मोरी ब्लॉक का तालुका गांव। इस गांव तक छोटे वाहन जाने लायक कच्ची एवं बेहद ही संकरी सड़क है। तालुका से 16 किमी दूर ओसला, 12-12 किमी दूर गंगाड़ व ढाटमीर और 14 किमी दूर पवाणी गांव पड़ता है। इन गांवों तक पहुंचने में सात से लेकर आठ घंटे तक का समय लग जाता है। ओसला, गंगाड़ व ढाटमीर में प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल हैं, जबकि पवाणी में सिर्फ प्राथमिक विद्यालय। 

ओसला गांव का जूनियर हाईस्कूल पिछले सात वर्षों से शिक्षकविहीन है। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के पास इस विद्यालय के संचालन का जिम्मा है। अन्य तीन गांवों की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। गंगाड़ के जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले कुल 60 बच्चों में बेटियां सिर्फ 18 हैं। ढाटमीर जूनियर हाईस्कूल की भी कमोबेश यही हाल है। लेकिन, सबसे गंभीर यह कि इन चारों गांवों की एक भी बेटी आज तक आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाई। 

ओसला गांव की 17 वर्षीय मंजू पंवार कहती है, 'मैं सिर्फ पांचवीं तक ही पढ़ पाई। स्कूल में शिक्षक न होने के कारण आगे पढ़ना संभव नहीं हो पाया।' ढाटमीर गांव की 19 वर्षीय विनीता राणा कहती है, 'मैं आठवीं से आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन इंटर कॉलेज 25 किमी दूर सांकरी में है। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वहां कमरा किराये पर लेकर रह पाती।' 

ढाटमीर गांव के उमराव सिंह कहते हैं, 'बेटियां तो छोड़िए, जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है, वे अपने बालकों भी आठवीं से आगे नहीं पढ़ा पाते।' ओसला गांव के बचन सिंह पंवार कहते हैं, मैंने जैसे-तैसे बीए तक पढ़ाई की, लेकिन जहां बेटियों को पढ़ाने का सवाल है, इसके लिए विभाग को गांव में ही इंटर तक कॉलेज खोलना चाहिए। ताकि बेटियां कम से कम 12वीं तक तो पढ़ सकें। 

10वीं से आगे ढ़ने वाले बालक 

गांव,   10वीं, 12वीं, यूजी, पीजी 

ओसला, 07,  08,   04,  02 

गंगाड़,   06,  08,   02,  03 

ढाटमीर, 04,  07,   04,  04 

पवाणी,   03, 04,  01,   00 

160 शिक्षकों की जरूरत, तैनात सिर्फ 60 

उत्तरकाशी के मुख्य शिक्षाधिकारी आरसी आर्य के अनुसार ओसला-गंगाड़ क्षेत्र में इंटर कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा। कहते हैं, मोरी ब्लॉक में 44 जूनियर हाईस्कूल हैं, जिनमें 160 शिक्षक होने चाहिए। जबकि, तैनात सिर्फ 60 ही हैं। 

सुविधाविहीन इन गांवों में 1500 मतदाता 

उत्तरकाशी जिले के ये चारों गांव न तो सड़क से जुड़े हैं और न यहां बिजली ही है। संचार नेटवर्क तो यहां कभी रहा ही नहीं। लगभग 3500 की आबादी वाले इन गांवों में मतदाताओं की संख्या 1500 के आसपास है। 

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