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Gangotri Yatra 2020 मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना

Gangotri Yatra 2020 गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा से गंगा की डोली गंगोत्री के लिए रवाना हुई। गंगा की डोली यात्रा में पहले की तरह झलसा नजर नहीं आया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 09:47 PM (IST)
Gangotri Yatra 2020 मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना
Gangotri Yatra 2020 मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना

उत्तरकाशी, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा से गंगा की डोली एक सादे समारोह के बीच गंगोत्री के लिए रवाना हुई। गंगा की डोली यात्रा में पहले की तरह जलसा नजर नहीं आया। गंगा डोली यात्रा में केवल 21 लोग ही शामिल दिखे। जिनमें दो बाजगी (ढोल वादक) और 19 तीर्थ पुरोहित व श्री गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारी शामिल थे। इनके अलावा इस आयोजन में शारीरिक दूरी का पालन करवाने के लिए प्रशासन और पुलिस के लोग भी शामिल हुए। रात्रि विश्राम के लिए गंगोत्री की डोली भैरव घाटी पहुंची। गंगोत्री धाम के कपाट रविवार दोपहर 12.35 बजे खोले जाएंगे। इसके साथ ही रविवार की दोपहर 12.41 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट खोलें जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलने हैं।

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गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा में तीर्थ पुरोहितों शनिवार की सुबह से ही मां गंगा की पूजा अर्चना शुरू कर दी थी। जिसके बाद पुरोहितों ने मां गंगा की मूर्ति को सजाया। डोली में बिठाया। दोपहर ठीक 12.30 बजे अभिजीत मुहूर्त पर गंगा की उत्सव डोली को लेकर पुरोहित गंगोत्री की ओर रवाना हुए। इस दौरान मुखवा गांव निवासियों सहित हर्षिल, धराली, बगोरी के ग्रामीणों ने घरों से ही मां गंगा को हाथ जोड़े और फूल चढ़ाए।

मां गंगा की मुखवा से विदाई उत्सव का यह पहला समय था, जब मुखवा के ग्रामीण भी शीतकालीन मंदिर के परिसर में नहीं आ सके। मुखवा से मार्कंडेय मंदिर, देवी मंदिर होते हुए, जांगला पहुंची। जांगला के निकट आइटीबीपी कैंप कोपांग होते हुए जब गंगा की उत्सव डोली निकली तो आइटीबीपी के जवानों ने भी दूर से भी मां गंगा का आशीर्वाद लिया। जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने गंगा की डोली को भैरव घाटी स्थिति भैवर मंदिर में पहुंचाया। भैरव मंदिर से गंगा की डोली रविवार की सुबह गंगोत्री के लिए रवाना होगी। जिसके बाद अभिजीत मुहूर्त पर 12.35 बजे मां गंगा के कपाट खोले जाएंगे।

इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल, सह सचिव राजेश सेमवाल, तीर्थ पुरोहित प्रेमकांत सेमवाल, मुकेश सेमवाल, प्रभाकर सेमवाल, अनुज सेमवाल, विष्णु प्रसाद सेमवाल, अजय प्रकाश सेमवाल, अंशुमान सेमवाल, भटवाड़ी एसडीएम देवेंद्र नेगी, सीओ कमल सिंह पंवार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी सहित आदि मौजूद थे।

गंगा डोली यात्रा में नहीं होगा सेना का बैंड

लॉकडाउन के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कापट खोलने की पूरी तैयार कर दी गई है। गंगा की डोली शनिवार 25 अप्रैल को शीतकालीन पड़ाव स्थल मुखवा से रवाना हो गई, जबकि यमुना की डोली 26 अप्रैल की सुबह यमुना के शीतकालीन पड़ाव स्थल खरसाली से यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। इस बार गंगा की डोली यात्रा में सेना के बैंड भी नहीं होंगे। साथ ही बीते वर्षों की तरह जलसा भी नहीं होगा।

गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा के पड़ाव सूने पड़े हुए हैं। दोनों धामों में दुकानें भी नहीं खुली है। लॉकडाउन तक किसी भी यात्री और श्रद्धालुओं को इन धामों में जाने की अनुमति नहीं है। गंगोत्री की डोली शीतकालीन पड़ाव मुखवा से 25 अप्रैल को 12:30 बजे अभिजीत मुहूर्त पर गंगोत्री के लिए रवाना हो गई। डोली यात्रा रात्रि विश्रम भैरव घाटी में करेगी। इसके बाद 26 अप्रैल की दोपहर को अक्षय तृतीय पर्व के अभिजीत मुहूर्त पर 12:35 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे।

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इसके लिए प्रशासन ने केवल सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों को ही अनुमति दी है। कपाट उद्घाटन में गंगोत्री धाम जाने वाले 21 तीर्थ पुरोहित के नाम की सूची समिति ने प्रशासन को दी है। प्रशासन ने इन पुरोहितों को अनुमति दी है। लेकिन, मीडिया को अनुमति नहीं दी जा रही है। जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इसी तरह अक्षय तृतीय पर 26 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.41 बजे पर यमुनोत्री के कपाट खोल दिये जाएंगे। यमुनोत्री धाम में कपाट उद्घाटन पर यमुनोत्री जाने वाले 18 तीर्थ पुरोहितों को अनुमति दी गई।

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