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    Uttarkashi Tunnel Collapse: सुरंग के अंदर के असली हीरो हैं गब्बर सिंह! कुछ इस तरह मजदूरों में बनाए रखी जीने की उम्मीद

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Tue, 28 Nov 2023 03:51 PM (IST)

    Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों में एक मजदूर ऐसा भी है जो इस पूरे हादसे में किसी हीरो से कम नहीं है। मजदूरों का हौसला न टूटे इस बात की जिम्मेदारी संभाली फोरमैन गब्बर सिंह नेगी ने। 41 मजदूरों में गब्बर भी एक थे लेकिन उन्होंने एक हीरों की तरह मोर्चा संभाला और इसके लिए आज उनका पूरा परिवार गर्व कर रहा है।

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    एनडीआरएफ की टीम सुरंग के भीतर गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिक भले ही दस दिन बाद भी कैद से मुक्त न हो पाए हों, लेकिन इन विकट हालात में भी उनका हौसला नहीं टूटा। ऐसा संभव हो पाया फोरमैन गब्बर सिंह नेगी की सूझबूझ की बदौलत। वह स्वयं सुरंग में कैद हैं, लेकिन साथियों का हौसला बनाए रखने को हर संभव जतन कर रहे हैं।

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    पौड़ी जिले के कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत विशनपुर निवासी गब्बर सिंह नेगी पिछले 25 वर्षों से सुरंग निर्माण कंपनियों से जुड़े हैं। उन्हें सुरंग निर्माण के दौरान होने वाली भूस्खलन की घटनाओं का भी अनुभव है। गब्बर सिंह ने अपने श्रमिक साथियों ने बताया कि वह कुछ वर्ष पूर्व भी इसी तरह निर्माण के दौरान सुरंग में फंस चुके हैं।

    12 नवंबर से ही टनल में फंसे हैं गब्बर

    बीते 12 नवंबर को जब सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ तो कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह समेत 41 श्रमिक अंदर ही फंस गए। घटना की सूचना के बाद गब्बर सिंह का बेटा आकाश नेगी, बड़े भाई जयमल सिंह व तीरथ सिंह नेगी समेत परिवार के अन्य सदस्य उत्तरकाशी पहुंचे। इस दौरान आकाश ने पिता गब्बर सिंह से पाइप के जरिये बात की। तब गब्बर सिंह ने आकाश को बताया कि वह सुरंग में अकेले नहीं हैं। उनके साथ जो श्रमिक साथी हैं, उनकी सुरक्षा का जिम्मा भी उन्हीं का है। इसलिए वह वह श्रमिक साथियों का हौसला बढ़ा रहे हैं।

    जब गब्बर की बात सुन.. बेटे की आंखों में आए आंसू

    कंपनी के अधिकारियों से भी उनकी बात हो रही है और रेस्क्यू कार्य की भी लगातार जानकारी मिल रही है। सो, घबराने की कोई जरूरत नहीं। जैसे ही बाहर निकलने का रास्ता बनेगा, सभी साथियों के सकुशल निकलने के बाद वह स्वयं बाहर आएंगे। पिता से बात करने के बाद आकाश काफी भावुक दिखा, लेकिन पिता की इस बहादुरी पर उसे फक्र है।

    भाई से रोज बात करते रहे जयमल

    गब्बर सिंह से बड़े भाई जयमल नेगी भी पाइप के जरिये नियमित बात कर रहे हैं। जयमल कहते हैं कि गब्बर सिंह को सभी श्रमिकों के जीवन की चिंता है। इसलिए वह श्रमिकों को नियमित टहलने व योगाभ्यास करने के लिए प्रेरित कर रहा है। बकौल जयमल, ‘मुझे अपने भाई की हिम्मत पर फक्र है, जो सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के साथ पहाड़ की तरह खड़ा है।’

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    नवयुग कंपनी में फौरमैन के पद पर तैनात हैं गब्बर

    गब्बर सिंह नवयुग कंपनी में फोरमैन के पद पर तैनात हैं। श्रमिकों से नियमित बात करने वाले डा. प्रेम पोखरियाल कहते हैं कि गब्बर सिंह काफी सूझबूझ वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी श्रमिकों का हौसला नहीं टूटने दिया। चिकित्सा टीम से जो निर्देश दिए जाते हैं, गब्बर सिंह उनका पालन भी करवाते हैं। इसी से सभी श्रमिकों का हौसला बना है और सभी स्वस्थ हैं।