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    Uttarakhand Tunnel Rescue: पहाड़ का सीना चीरकर सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया बाहर, 17 दिन बाद मिली बड़ी कामयाबी

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 28 Nov 2023 09:44 PM (IST)

    Uttarkashi Tunnel Rescue Latest Update देश-दुनिया के करोड़ों लोग जिस घड़ी का पिछले 17 दिन से बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे थे वह आखिरकार मंगलवार को आ ही गई। यह घड़ी थी उत्तराखंड के सिलक्यारा (उत्तरकाशी) स्थित चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 श्रमिकों के भारत माता की जय के उद्घोष और आतिशबाजी के बीच सकुशल बाहर आने की।

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    पहाड़ का सीना चीरकर बाहर जा रहे हैं मजदूर

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। (Uttarakhand Tunnel Rescue) देश-दुनिया के करोड़ों लोग जिस घड़ी का पिछले 17 दिन से बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे थे, वह आखिरकार मंगलवार को आ ही गई। यह घड़ी थी उत्तराखंड के सिलक्यारा (उत्तरकाशी) स्थित चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 श्रमिकों के भारत माता की जय के उद्घोष और आतिशबाजी के बीच सकुशल बाहर आने की।

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    जिंदगी की एक जंग सुरंग में फंसे श्रमिक लड़ रहे थे और दूसरी सुरंग के बाहर देश-विदेश से आए तमाम विशेषज्ञ, जनप्रतिनिधि, श्रमिकों के स्वजन और स्थानीय ग्रामीण। जंग को मंजिल तक पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी थी।

    तमाम बाधाओं से पार पाते हुए लगभग 400 घंटे चली राहत एवं बचाव की जंग में आखिरकार जिंदगी की जीत हुई और सुरंग में कैद श्रमिकों ने खुली हवा में सांस ली। सुरंग से सकुशल बाहर आने के बाद श्रमिकों के चेहरे पर जो खुशी थी, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

    भले ही जिंदगी की जंग श्रमिकों ने जीती हो, मगर विजय के भाव बाहर डटी मशीनरी के नायकों के चेहरे पर भी तैर रहे थे। यह भाव थे बेहद जटिल अभियान के मंजिल तक पहुंचने की खुशी के, जिसके लिए हर कोई दुआ मांग रहा था। संभवत: यह देश का पहला ऐसा बड़ा अभियान है, जो इतनी लंबी अवधि तक चला और बावजूद इसके सभी पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

    17 दिन से चली आ रही राहत एवं बचाव की अनवरत जंग में जिंदगी की जीत का बिगुल मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे तब बजा, जब 57 मीटर पर निकास सुरंग का आखिरी स्टील पाइप मलबे को भेदकर अंदर फंसे श्रमिकों तक पहुंचा। हालांकि, अभियान में शुरू से खड़ी हो रही बाधाओं का दौर अब भी जारी था।

    श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान निकास सुरंग से भीतर दाखिल हुए तो मालूम चला कि जिस स्थान पर पाइप आर-पार हुआ, वहां पानी जमा था। ऐसे में पाइप को और आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया, ताकि पानी या ऊपर से ताजा मलबा आने की दशा में श्रमिक सुरक्षित रहें। इसके बाद निकास सुरंग में तीन मीटर पाइप और जोड़कर आगे धकेला गया।

    इस काम में करीब तीन घंटे और लग गए। सभी व्यवस्था पुख्ता किए जाने के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान फिर से सुरंग में दाखिल हुए और बिना पल गंवाए स्ट्रेचर ट्राली से एक-एक कर श्रमिकों को बाहर निकालना शुरू किया।

    करीब डेढ़ घंटे में सभी श्रमिकों को निकास सुरंग से दूसरे छोर पर सुरंग के खुले हिस्से में पहुंचा दिया गया। यहां श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहले से मेडिकल कैंप तैयार था। राहत की बात रही कि सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया। जिंदगी की जंग जीतकर आए श्रमिकों के लिए दीपावली जैसा माहौल था।