10 लाख लोन लेकर शुरू किया कारोबार, अब मिल रहा मोटा मुनाफा... उत्तराखंड की पुष्पा हैं 'महिला सशक्तिकरण' की अनूठी मिसाल
गणेशपुर गांव का विनायक मसाला उद्योग महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है। पुष्पा चौहान के नेतृत्व में यह उद्योग ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में अपनी प ...और पढ़ें

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गणेशपुर गांव का विनायक मसाला उद्योग ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन बाजार पर भी अपनी खास पहचान बना रहा है। मसाला उद्योग के पांच खास उत्पादों को देश के कोने-कोने से ऑर्डर मिल रहे हैं।
इस उद्योग के जरिये रोजगार पाकर गांव में 100 से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से सबल हो रही हैं। उनकी इस समृद्धि की इबारत लिखी गणेशपुर गांव की पुष्पा चौहान ने। उन्होंने वर्ष 2023 में यह मसाला उद्योग शुरू किया था, जिसके उत्पादों से वर्तमान में उन्हें प्रतिमाह एक लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है।
पुष्पा साल 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़ीं
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से आठ किमी दूर गणेशपुर गांव में गैणा सिंह चौहान व लीला देवी के घर वर्ष 1973 में जन्मीं पुष्पा का एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन भी है। पीजी कॉलेज उत्तरकाशी से परास्नातक की डिग्री लेने के बाद पुष्पा सबसे पहले वर्ष 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़ीं। राज्य प्राप्ति के बाद पुष्पा ने महिला पंचायत का भी गठन किया।
इसके माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध होने वाले उत्पीड़न के मामलों को महिला हेल्पलाइन तक ले जाया गया। वर्ष 2007 में गणेशपुर गांव में शराब का गोदाम खोलने की तैयारी हुई तो पुष्पा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इसका जोरदार विरोध किया। इसके बाद पुष्पा ने गांव की महिलाओं को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के साथ महिलाओं का मनोबल बढ़ाने की ठानी।
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इसी नेतृत्व क्षमता के कारण वर्ष 2009 में पुष्पा क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनी गईं और वर्ष 2014 में निर्विरोध ग्राम प्रधान। तब पुष्पा ने गणेशपुर ग्राम पंचायत को स्वच्छता के साथ महिला सशक्तीकरण के मामले में भी विशिष्ट पहचान दिलाई।
2010 में पुष्पा ने स्वयं सहायता समूह का गठन किया
वर्ष 2010 में पुष्पा ने स्वयं सहायता समूह का गठन किया और महिलाओं को खेतीबाड़ी व स्थानीय उत्पादों को आजीविका का आधार बनाने के लिए तैयार करने में जुट गईं। गणेशपुर के अलावा निकटवर्ती गांव मनेरी, हिना, सिरोर व नेताला में धनिया, मिर्च और हल्दी का अच्छा उत्पादन होने के कारण पुष्पा ने गणेशपुर गांव में बीते वर्ष मसाला उद्योग स्थापित कर विधिवत रूप से उसका पंजीकरण भी कराया। मशीनें स्थापित करने के लिए उन्होंने बैंक से दस लाख रुपये का ऋण लिया।
मसाला उद्योग में गणेशपुर की दो महिलाएं नियमित काम करती हैं, जबकि गणेशपुर, हिना, मनेरी, नेताला व सिरोर की सौ से अधिक महिलाएं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं। गांवों में धनिया, मिर्च, हल्दी सहित मंडुवा, गेहूं, दाल इत्यादि एकत्र करने का काम भी संबंधित क्षेत्र की महिलाएं ही करती हैं। पुष्पा कहती हैं कि आज सबसे बड़ी जरूरत महिलाओं का मनोबल बढ़ाने की है, तभी वे आर्थिक रूप से सक्षम हो सकती हैं।
ये उत्पाद भी हैं उपलब्ध
पुष्पा कहती हैं कि विनयक मसाला उद्योग लोगों तक घराट (पनचक्की) से पिसा गेहूं का आटा, घराट का मल्टीग्रेन आटा (गेहूं, मंडुवा, मक्का, चौलाई, चना, जौ व सोयाबीन से निर्मित) पहुंचा रहा है। इसके अलावा मांग पर गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए ऊर्जा पोषाहार तैयार किया जाता है। बाजार में विनायक पहाड़ी सिलबट्टे का नमक, ओखली का चावल, दाल की बड़ी की भी अच्छी मांग है।
पांच उत्पादों को खास पहचान, ऑनलाइन बाजार से भी मांग
पुष्पा कहती हैं कि विनायक मसाला उद्योग को बढ़ाने, उत्पादन, पैकेजिंग, आपूर्ति व बाजार उपलब्ध कराने में सरकारी विभागों का भी अच्छा सहयोग मिला है। ऑनलाइन बाजार के लिए रूरल बिजनेस इंक्यूबेटर स्पोक सेंटर की भूमिका खास रही है। इसी कारण विनायक के पांच उत्पादों की ऑनलाइन बाजार में खास मांग है।
इन उत्पादों में विनायक पहाड़ी सिलबट्टे का नमक, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर व मिक्स मसाला शामिल है। अन्य उत्पादों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन पर जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऑफलाइन बाजार की मांग देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग आदि स्थानों से अच्छी आ रही है।

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