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    मखमली बुग्याल में उत्सव का उल्लास खेली मक्खन की होली

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    Updated: Sun, 18 Aug 2019 02:34 PM (IST)

    मखमली बुग्याल में रिमझिम बारिश के बीच प्रसिद्ध अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) मनाया गया। मक्खन की होली खेलने के साथ ही प्रकृति की पूजा की गई। ...और पढ़ें

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    मखमली बुग्याल में उत्सव का उल्लास खेली मक्खन की होली

    उत्तरकाशी, जेएनएन। दयारा के मखमली बुग्याल में शनिवार को उत्सव का उल्लास नजर आया। रिमझिम बारिश के बीच प्रसिद्ध अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) मनाने के लिए सैकड़ों लोग दयारा पहुंचे। मक्खन की होली खेलने के साथ ही प्रकृति की पूजा की गई। मेले में आए लोगों ने परिवार व मित्रों के साथ फेस्टिवल के लम्हों को यादगार बनाया।

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    जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर तथा भटवाड़ी ब्लाक के रैथल गांव से छह किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित 28 वर्ग किलोमीटर में फैले दयारा बुग्याल में इस बार शनिवार को भाद्रपद की संक्रांति को बटर फेस्टिवल मनाया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से उत्सव का उद्घाटन किया। उत्सव में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से पर्यटक पहुंचे और मखमली घास पर मक्खन की होली खेली।

    इस मौके पर स्थानीय महिलाओं ने परंपरागत लोक नृत्य प्रस्तुत किए। इस मौके पर सुरेश रतूड़ी, मोहन कौशल, महेंद्र राणा, रामचंद्र पंवार, पंकज कुशवाल, भागवत, राजीव, सोबेंदर, कमला देवी, निवर्तमान प्रधान श्याम देवी, राजकेंद्र, पुलमा देवी, कला देवी, जशोदा देवी, गजेन्द्र राणा, राजवीर रावत आदि मौजूद थे।

    क्या है बटर फेस्टिवल 

    मई में क्षेत्र के ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ बुग्याली क्षेत्रों में चले जाते हैं और बटर फेस्टिवल मनाने के बाद वापस अपने गांव को लौट जाते हैं, लेकिन लौटने से पहले प्रकृति का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते। उत्साह के साथ उत्सव का आयोजन किया जाता है और प्रकृति की पूजा-अर्चना की जाती है। सदियों से रैथल व आस-पास के ग्रामीण इस परंपरा को निभा रहे हैं। 

    मनोज राणा, अध्यक्ष (दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल) का कहना है कि पहले इस होली को गाय के गोबर से भी खेलते थे। लेकिन, अब इस अंढूड़ी उत्सव को पर्यटन से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने मक्खन की होली खेलना शुरू किया।

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