Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    VIDEO: उत्तराखंड के उत्‍तरकाशी में एवलांच से 9 की मौत, 20 फंसे, भारी बर्फबारी के कारण रोका रेस्‍क्‍यू आपरेशन

    By Shailendra prasadEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Tue, 04 Oct 2022 05:50 PM (IST)

    Avalanche in Uttarkashi नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एडवांस प्रशिक्षण कोर्स के दौरान द्रौपदी का डांडा में एवलांच आने से दो प्रशिक्षकों के मौत हो गई है। उत्‍तरकाशी के द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में एडवांस प्रशिक्षण के लिए निम की 29 लोगों की टीम गई थी।

    Hero Image
    Avalanche in Uttarkashi: द्रौपदी का डांडा में एवलांच की चपेट में आने से नौ लोगों की मौत हो गई है।

    जागरण संवाददाता, उत्‍तरकाशी : Avalanche in Uttarkashi निम का प्रशिक्षण उत्‍तरकाशी के दल द्रौपदी का डांडा में एवलांच की चपेट में आने से नौ प्रशिक्षणार्थियों की मौत हो गई है, जबकि 20 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास (ग्‍लेशियर के बीच में बड़ी दरार) अभी फंसे हुए हैं। इन्‍हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था। लेकिन क्षेत्र में भारी बर्फबारी होने के कारण रेस्‍क्‍यू आपरेशन को रोक दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्रेवास फंसे आठ प्रशिक्षणार्थियों को रेस्क्यू कर निकाला गया है, जबकि 20 लोग अभी भी क्रेवास में फंसे हैं। वहीं मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी दी। जिस पर राजनाथ सिंह ने वायुसेना को बचाव और राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

    22 सितंबर से चल रहा था बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण

    नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।

    एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए

    प्रशिक्षण के दौरान द्रौपदी का डांडा के पास एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए। द्रोपदी के डांडा में क्रेवास में फंसे आठ लोगों को निम ने रेस्क्यू कर निकाल दिया है, जबकि 21 लोग अभी क्रेवास में फंसे हैं। ‌जिन्हें निकालने के लिए निम की तरफ से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

    जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवास में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटनास्थल पर निम के पास दो सैटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है।

    मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की बात

    वहीं मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने भी घटना का संज्ञान लिया है। इस संबंध में उन्‍होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।

    केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है। जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है।

    प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आइटीबीपीके जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।

    रक्षा मंत्री ने फंसे हुए प्रशिक्षितों की सलामती के लिए प्रार्थना की

    वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी फंसे हुए प्रशिक्षितों की सलामती के लिए प्रार्थना की है। उन्‍होंने ट्वीट किया कि उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण बहुमूल्य जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ।

    उन्‍होंने आगे लिखा अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी से बात की और स्थिति का जायजा लिया। फंसे हुए पर्वतारोहियों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है। मैंने वायुसेना को बचाव और राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है। सभी की सुरक्षा और सलामती के लिए प्रार्थना।

    दो प्रशिक्षकों की मौत

    नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान एवलांच आया है। जिसमें दो प्रशिक्षकों की मौत हो गई है। अन्य घायलों को रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट से भी संपर्क किया गया है।

    यह भी पढ़ें : Avalanche In Kedarnath: केदारनाथ धाम से 7 किलोमीटर पीछे आया एवलांच, इसके अध्ययन को विशेषज्ञों की समिति गठित

    शासन ने एयरफोर्स से भी किया संपर्क

    एयरफोर्स से भी शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर रेकी करेंगे और फिर बचाव कार्य किया जाएगा। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि एसडीआरएफ की टीम कैंप के लिए टेक ऑफ कर चुकी है।

    चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास सामने आई थी हिमखंड टूटने की घटना

    पिछले 10 दिन में केदारनाथ धाम के ठीक पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास हिमखंड टूटने की तीन घटना सामने आई थी।

    यह भी पढ़ें : केदारनाथ के पास आए Avalanche ने ताजा कर दी डेढ़ साल पहले आई आपदा की भयावह याद, मलबे में दफन हुए थे 206 लोग

    केदारनाथ धाम से सात किलोमीटर पीछे शनिवार एक अक्‍टूबर को दूसरी और दो अक्‍टूबर को तीसरी बार एवलांच देखा गया था, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले बीती 22 सितंबर को भी मंदिर के पीछे एवलांच देखा गया था।

    जिसके अध्‍ययन के लिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के विज्ञानियों की पांच सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(डीडीएमए) व एसडीआरएफ की टीम भी चौराबाड़ी में कैंप करके वहां लगातार निगरानी कर रही हैं।