Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Avalanche in Uttarakhand: एवलांच में पर्वतारोही सविता कंसवाल की हुई मौत, इस वर्ष एवरेस्ट पर फहराया था तिरंगा

    By Shailendra prasadEdited By: Sunil Negi
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 12:11 AM (IST)

    Avalanche in Uttarakhand दुर्भाग्य ने उत्‍तराखंड की होनहार बेटी सविता कंसवाल को छीन लिया। सविता ने एवरेस्ट आरोहण के 15 दिन के भीतर माउंट मकालू का भी सफल आरोहण किया। वह माउंट ल्होत्से चोटी पर तिरंगा लहराने वाली देश की दूसरी महिला पर्वतारोही थी।

    Hero Image
    Avalanche in Uttarakhand : उत्तरकाशी की बेटी सविता कंसवाल एक बहादुर पर्वतारोही थी

    शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। Avalanche in Uttarakhand 12 मई 2022 को एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने वाली उत्तरकाशी की बेटी सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) एक बहादुर पर्वतारोही थी। सविता निम की सबसे बेहतर और हौसला बढ़ाने वाली प्रशिक्षक थी। चार बहनों में सबसे छोटी सविता ने अपने वृद्ध माता-पिता का मजबूत सहारा बनकर कई मंचों पर उन्हें सम्मान और पहचान भी दिलाई। उत्तरकाशी में एवलांच की चपेट में आने से सविता की भी मौत हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    12 मई 2022 को एवरेस्ट पर फहराया था तिरंगा

    उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक स्थित ग्राम लौंथरू निवासी युवा पर्वतारोही सविता कंसवाल ने इसी वर्ष माउंट एवरेस्ट आरोहण के बाद 15 दिन के भीतर माउंट मकालू चोटी का भी सफल आरोहण किया। उन्होंने 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया और 28 मई को माउंट मकालू (8463 मीटर) का सफल आरोहण किया।

    ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली दूसरी महिला

    इतने कम समय में दोनों पर्वतों का आरोहण कर सविता ने नया राष्ट्रीय रिकार्ड अपने नाम किया। वर्ष 2021 में एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत सविता कंसवाल ने विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण किया। माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली सविता भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही हैं।

    यह भी पढ़ें: VIDEO: उत्तराखंड के उत्‍तरकाशी में एवलांच से 9 की मौत, 20 फंसे, भारी बर्फबारी के कारण रोका रेस्‍क्‍यू आपरेशन

    आर्थिक तंगी में गुजरा बचपन

    सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थी। माता-पिता अपनी इस बेटी कोहिनूर की तरह मानते थे।

    निम से किया था पर्वतारोहण का कोर्स

    सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की। वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं।

    यह भी पढ़ें:- Uttarakhand News: एक साल पहले त्रिशूल चोटी पर एवलांच का शिकार हुए थे नौसेना के पर्वतारोही, आज तक दो लापता