Avalanche In Trishul Peak: माउंट त्रिशूल पर लापता पर्वतारोही व पोर्टर की तलाश में रेस्क्यू जारी, चार पर्वतारोहियों के शव भेजे जा रहे पैतृक घर
Avalanche In Trishul Peak एवलांच के बाद से ही लापता चल रहे पर्वतारोही और पोर्टर की तलाश को रेस्क्यू आपरेशन जारी है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि जोशिमठ और त्रिशूल चोटी के आसपास मौसम साफ है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: Avalanche In Trishul Peak त्रिशूल पर्वत पर हिमस्खलन की चपेट में आए पर्वतारोही दल के लापता दो अन्य सदस्यों का अभी कुछ पता नहीं चल पाया। रविवार को भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा। इस बीच, नौसेना के चार अधिकारियों के पार्थिव शरीर हेली रेस्क्यू करके जोशीमठ लाए गए। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके पैतृक घर भेजा जा रहा है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि नौसेना के लापता पर्वतारोही शशान्त तिवारी और एक पोर्टर को तलाशने के लिए हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की टीम ने रविवार को खोज-बचाव अभियान चलाया। आशंका है कि हिमस्खलन के दौरान वह बर्फ में दब गए हों। हवास की टीम उसी क्षेत्र में खोज बचाव अभियान चला रही है जहां विगत दिवस नौसेना के चार पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीर बरामद हुए थे।
इधर, नौसेना के पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीर रविवार को सेना के हेलीकाप्टर से आर्मी कैंप जोशीमठ लाए गए। चारों का जोशीमठ में पोस्टमार्टम कराया गया। मृतकों में ले. कमांडर रजनीकांत यादव निवासी आनन्दपुरम, विकासनगर लखनऊ उप्र, ले. कमांडर अनन्त कुकरेती निवासी गंगोत्री बिहार देहरादून उत्तराखंड, ले. कमांडर योगेश तिवारी निवासी प्रतापगढ़ उप्र और मास्टर चीफ पेटी आफिसर हरिओम निवासी गांधीग्राम विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि निम की सर्च एंड रेस्क्यू टीम अब वापस उत्तरकाशी लौट रही है। नौसेना के एक पर्वतारोही और एक पोर्टर की तलाश के लिए अब केवल एक टीम ही माउंट त्रिशूल कैंप-दो में रुकेगी। इस टीम में हवास के पांच सदस्य हैं। साथ ही सहयोग के लिए थल सेना के जवान भी शामिल हैं।
बागेश्वर जिले में पडऩे वाली 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान नौसेना के पांच अधिकारी और एक पोर्टर शुक्रवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। उस दिन दस सदस्यीय दल करीब छह हजार मीटर ऊंचाई पर स्थित कैंप-दो से आगे से बढ़ रहा था। दल में शामिल चार अन्य अधिकारी अभियान वहीं रोक कर वापस कैंप-दो में लौट आए थे। जबकि 10 अन्य पर्वतारोही उस दिन कैंप-एक में रुके हुए थे। हादसे के बाद ये सभी कैंप-एक से बेस कैंप होमकुंड वापस लौट रहे हैं। नौसेना का यह 20 सदस्यीय दल तीन सितंबर को मुंबई से त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण पर निकला था।