Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Avalanche In Trishul Peak: त्रिशूल चोटी पर रेस्‍क्‍यू के दौरान नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव बरामद, अभी नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता

    By Edited By:
    Updated: Sat, 02 Oct 2021 11:03 PM (IST)

    त्रिशूल चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के पांच पर्वतारोहियों में से चार के शव आज शाम को बरामद कर लिए गए हैं। वहीं नौसेना का एक प ...और पढ़ें

    Hero Image
    त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए नौसेना के पांच पर्वतारोहियों में से चार के शव बरामद।

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Avalanche In Trishul Peak: त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आए नौसेना के पांच पर्वतारोहियों में से चार के शव आज बरामद कर लिए गए। अभी नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। इनकी पहचान लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम हरिओम एमसीपीओ के रूप में हुई है। अलबत्ता, शनिवार सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन से जुड़ी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की पांच सदस्यीय टीम त्रिशूल पर्वत पर साढ़े पांच हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाके में पहुंच गई। रविवार सुबह यह टीम रेकी में दिखे पर्वतारोहियों को रेस्क्यू करने के लिए आगे बढ़ेगी। हवास को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू आपरेशन की विशेषज्ञता हासिल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेना अधिकारियों प्रकट की संवेदना

    सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान हिमस्खलन के कारण चार नौसेना पर्वतारोहियों के हताहत होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर मैं गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं।

    थलसेना अध्‍यक्ष जनरल एमएम नरवने ने कहा कि चार नौसेना पर्वतारोहियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान अपनी जान गंवाई।

    तीन सितंबर को मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए रवाना हुआ। वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत नौसेना के पर्वतारोही माउंट त्रिशूल अभियान पर निकले हैं। 7120 मीटर ऊंची यह चोटी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में है। वीरवार को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-तीन से नौसेना के 10 पर्वतारोही आगे बढ़े। शुक्रवार सुबह करीब 6700 मीटर की ऊंचाई के आसपास दल के पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए। इस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर वापस कैंप में लौट आए। लापता सदस्यों की खोजबीन के लिए शुक्रवार दोपहर बाद से रेस्क्यू चल रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से इसमें जुटे हैं।

    निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि शनिवार सुबह त्रिशूल चोटी पर करीब 5700 मीटर ऊंचाई पर हिमस्खलन वाले क्षेत्र में चार व्यक्ति बर्फ में पड़े हुए दिखाई दिए। उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दिखी है। दोपहर के समय हेलीकाप्टर के जरिये हवास के प्रशिक्षकों के साथ ही निम और सेना के जवानों का संयुक्त दल कैंप-एक के निकट पहुंचा। इस बीच, हवास के पांच सदस्यीय दल को 5500 मीटर की ऊंचाई पर बने कैंप-एक में उतारा गया। दल के कैंप-दो तक पहुंचने की सूचना है। रेकी में दिखे नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इन्‍हें बेस कैंप एक तक लाया गया है। अभी नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। इधर, नौसेना ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर दूसरे दिन के रेस्क्यू अभियान की जानकारी साझा की है।

    बारिश बर्फबारी से हो रही दिक्कत

    शनिवार शाम तक मौसम ने रेस्क्यू दलों का साथ दिया, लेकिन उसके बाद मौसम की करवट ने दिक्कतें पेश की। उच्च हिमालयी क्षेत्र में रुक-रुक कर बर्फबारी भी हो रही है। दिनभर में रेस्क्यू दलों ने आठ बार उड़ान भरी। इसमें चार हेलीकाप्टर लगाए हैं।

    सुतोल से पैदल टीम भी रवाना

    शनिवार सुबह चमोली जिले में सुतोल घाट की तरफ से पैदल टीमें भी रेस्क्यू के लिए रवाना हुई हैं। इनमें सेना के जवानों के साथ ही एसडीआरएफ भी शामिल हैं। इनके रविवार रात तक बेस कैंप पहुंचने की उम्मीद है। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि जोशीमठ में जरूरी इंतमाज किए जा रहे हैं।

    यह भी पढ़ें:- VIDEO: उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन, त्रिशूल पर्वत पर चढ़ाई करने जा रहे नौसेना के 5 जवान और एक पोर्टर लापता