गंगोत्री नेशनल हाईवे पर बना नया डेंजर जोन, पूरे दिन यातायात रहा बाधित; BRO ने तैनात की मशीनें
बीती 22 जुलाई और आज यानी 24 जुलाई को तो पूरे दिन बिशनपुर के पास हाईवे अवरुद्ध रहा। कांवड़ यात्रियों सहित आमजन को भी घंटों तक फंसे रहना पड़ा है। इस स्थान पर मलबा हटाकर राजमार्ग को सुचारू करना इतना आसान नहीं। पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा भी लगातार बना हुआ है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से बिसनपुर भूस्खलन जोन 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Gangotri National Highway: गंगोत्री नेशनल हाईवे पर बिशनपुर के पास भूस्खलन जोन सक्रिय हुआ है। इस बार यह भूस्खलन जोन 14 जुलाई की रात से सक्रिय हुआ है। 14 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बिशनपुर के पास 55 घंटे तक बंद रहा।
गत 22 जुलाई और 24 जुलाई को तो पूरे दिन बिशनपुर के पास हाईवे अवरुद्ध रहा। इस दौरान कांवड़ यात्रियों सहित आमजन को भी घंटों तक फंसे रहना पड़ा है। भले ही सीमा सड़क संगठन ने एक मशीन और कुछ कर्मचारियों की तैनाती कर दी है।
मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में सुचारू करने का कार्य समय से किया जा सके। परंतु इस स्थान पर मलबा हटाकर राजमार्ग को सुचारू करना इतना आसान नहीं। पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा भी लगातार बना हुआ है।
सितंबर 2023 में सक्रिया हुआ था ये भूस्खलन जोन
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से बिसनपुर भूस्खलन जोन 20 किलोमीटर की दूरी पर है। बिशनपुर के पास भूस्खलन जोन 15 सितंबर 2023 को सक्रिय हुआ था। उस दौरान इस भूस्खलन की जद में एक कार भी आई। जिसमें चार व्यक्तियों की मौत घटना स्थल पर हुई। जबकि दो गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इस घटना करीब 10 माह तक यह भूस्खलन जोन शांत रहा। परंतु, इस बार 14 जुलाई की रात से यह भूस्खलन जोन सक्रिय है। जिस दिन भी वर्षा हो रही है। भूस्खलन जोन सक्रिय हो रहा है।
बिशनपुर तक घाटी में फैला मलबा
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि गत वर्ष भटवाड़ी जखोल के निकट की पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है। उसका मलबा बिशनपुर तक घाटी में फैला हुआ।
इस बार जो भूस्खलन हो रहा है उसमें यही बात सामने आई है कि वर्षा के पानी के साथ घाटी में जो मलबा एकत्र है, वह भूस्खलन के मलबे के साथ हाईवे तक पहुंच रहा। वहीं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भी इस स्थान पर इस बार मशीने तैनात कर दी हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान भी तैनात
दोनों ओर से पुलिस ने भी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया हुआ है। 24 जुलाई को तो पुलिस के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवानों को भी लगाना पड़ा है। जिससे मलबा और पत्थर आने की स्थिति में यातायात को नियंत्रित किया जा सके और दूसरी ओर फंसे लोगों को निकाला जा सके।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand: सड़क पर गिर रहे खतरनाक झरने, जान हथेली पर रख स्कूल जा रहे बच्चे; तस्वीर देख गले-गले आ जाएंगे प्राण
यह बरतें सावधानी
- वर्षा के दौरान भूस्खलन क्षेत्र में आवाजाही न करें।
- वर्षा होने की स्थिति में सुरक्षित स्थान मनेरी, नेताला, सैंज, लाटा, मल्ला भटवाड़ी में सुरक्षित स्थान पर ठहरें।
- यात्रा के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। पहाड़ी से कभी भी पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है।
- गंगोत्री हाईवे पर बिशनपुर, हेल्गू गाड़, सुनगर के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है। इन स्थानों पर विशेष संभल कर चलें।
यह भी पढ़ें- Nepal Plane Crash: हादसे में 18 की मौत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।