कौन हैं उत्तराखंड की संपदा तिवारी? बनीं यूनिसेफ की सबसे युवा फोरसाइट फेलो
उत्तराखंड की संपदा तिवारी ने 16 वर्ष की आयु में यूनीसेफ फोरसाइट फेलो बनकर इतिहास रचा है। उन्होंने नैरोबी में यूनीसेफ के लीडिंग माइंड्स कांफ्रेंस 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। छह हजार आवेदकों में से चुनी गईं, संपदा सबसे कम उम्र की और पहली भारतीय फेलो बनीं। उनका शोध भारत की किशोर लड़कियों की शिक्षा चुनौतियों पर केंद्रित है।

यूनिसेफ की सबसे युवा फोरसाइट फेलो बनी संपदा तिवारी
संसू, जागरण पंतनगर । गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के शिक्षक की बेटी आरएएन पब्लिक स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा संपदा तिवारी ने 16 वर्ष की आयु में भारत की सबसे युवा यूनीसेफ फोरसाइट फेलो बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने दो से पांच नवंबर तक नैरोबी (केन्या) में आयोजित यूनीसेफ इनोचेंटी की लीडिंग माइंड्स कांफ्रेस 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
यह सम्मेलन शिक्षा और युवा नीतियों पर यूनीसेफ के सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजनों में से एक माना जाता है। संपदा छह हजार से अधिक आवेदकों में से चुनी गईं। केवल 15 यूथ फेलोज में शामिल हुए तथा इस प्रतिष्ठित फेलोशिप को प्राप्त करने वाली वह सबसे कम उम्र की व पहली भारतीय बनीं।
उनका शोध कार्य भारत की किशोर लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में आने वाली चुनौतियों पर आधारित है। उनके पिता डा. भास्कर तिवारी, विश्वविद्यालय में सह निदेशक (शारीरिक शिक्षा) हैं, जबकि माता डा. रश्मि तिवारी, कृषि महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं।

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