पंतनगर में एक युवक की हत्या कर शव को टांडा जंगल में फेंक दिया गया। पुलिस के लिए हत्यारों तक पहुंचना एक चुनौती है इसलिए वे सीसीटीवी फुटेज और फारेंसिक साक्ष्यों की मदद ले रहे हैं। मृतक की जेब से कुछ नोट और उसके पास से कुछ निजी सामान मिला है। जंगल में नेटवर्क की समस्या के कारण हत्यारों ने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया।
संवाद सूत्र, पंतनगर। युवक की हत्या कर शव टांडा जंगल में फेंकने वालों तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती है। ऐसे में केवल अब पुलिस को सीसीटीवी कैमरे का ही सहारा है। इसके लिए पुलिस रुद्रपुर संजय वन स्थित रेलवे क्रासिंग और रुद्रपुर-हल्द्वानी मार्ग पर टांडा जंगल के मध्य रेलवे क्रासिंग पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने में लग गई है।
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साथ ही देखा जा रहा है कि 24 घंटे के भीतर इस मार्ग से कौन-कौन से वाहनों की आवाजाही हुई और कौन से संदिग्ध वाहन आधे रास्ते से वापस लौट आए। जिसके बाद ही पुलिस हत्यारोपितों तक पहुंच पाएगी।
जेब में मिले पांच सौ के दो नोट
टांडा जंगल में सड़क किनारे युवक की लाश मिलने के बाद पुलिस ने उसकी पहचान के लिए कपड़ों की तलाशी ली, लेकिन आधार कार्ड समेत अन्य आई कार्ड नहीं मिला। उसके जेब में पांच सौ के दो नोट मिले। साथ ही लाश के पास एक बैग मिला था, जिसके अंदर चार जोड़ी मोजे थे। एक मिल्टन का थर्मस था।
फारेंसिंक टीम ने जुटाए साक्ष्य
युवक की लाश मिलने के बाद पुलिस के साथ ही फारेंसिंक टीम भी मौके पर पहुंची। इस दौरान टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्र किए। लाश को जिस चादर से ढककर रखा था उसे भी फारेंसिक टीम ने जांच के लिए कब्जे में ले लिया।
जहां मिली लाश, वहां नहीं मिलता नेटवर्क
टांडा जंगल रुद्रपुर पंतनगर मोड़ से हल्द्वानी बैलपड़ाव तक करीब 20 किलोमीटर तक फैला है। इस बीच में कुछ जगह मोबाइल का नेटवर्क पकड़ता है। जबकि अधिकांश जगह पर नेटवर्क काम नहीं करता। ऐसे में माना जा रहा है कि हत्यारोपितों ने घटना से पहले ऐसी जगह चिह्नित कर ली थी, जहां पर नेटवर्क नहीं मिलता हो। जिसके बाद ही उन्होंने लाश ठिकाने लगाने के लिए फेंक दी।
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