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    किच्छा से अपनी हार की हरीश रावत ने गिनाई ये वजह, जानिए

    By BhanuEdited By:
    Updated: Mon, 15 Jan 2018 09:07 PM (IST)

    पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक में किच्छा से अपनी हार की कई वजह गिनाई। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी जमकर हमला बोला।

    किच्छा से अपनी हार की हरीश रावत ने गिनाई ये वजह, जानिए

    किच्छा, [जेएनएन]: पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। कहा कि कांग्रेस अंतिम सांस तक लोकतंत्र की रक्षा करेगी। इसके लिए हर संघर्ष के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार है। वह कभी भी देश को धर्म के नाम पर बंटने नहीं देगी। 

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    कांग्रेस कार्यालय पर विधानसभा में हुई हार की समीक्षा के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा यशपाल आर्य के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस में नई जान डालने के लिए उन्होंने किच्छा से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था।

    उन्होंने कहा कि हार या जीत से फर्क नहीं पड़ता, फर्क ये है कि उनके यहां से चुनाव लड़ने पर पुराने दावेदारों के मन में ये बात आई कि उनकी जवानी खराब हो गई। टिकट तो एक को ही मिलना था। बाकी की जवानी तो वैसे भी खराब होनी थी, लेकिन दावेदार इस बात को समझ लें जब तक अधिकृत दावेदार के पीछे खड़े होना नहीं सीखेंगे, तब तब उनके पीछे खड़े होने वाला कोई नहीं रहेगा। 

    उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता एकजुट होकर कांग्रेस की मजबूती के लिए कार्य करें। टिकट तो एक को ही मिलेगा, जो भी अधिकृत प्रत्याशी हो उसके साथ खड़े होने की आदत डालें इसी में उनकी भी भलाई छिपी हुई है। 

    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी के राज में देश का लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा को नहीं रोका गया तो वह देश का संविधान ही बदल कर रख देगी। इसके लिए सबको एकजुट होकर भाजपा को 2019 में रोकने के लिए अभी से जुटना होगा। बदलाव की बयार देश में उत्तराखंड से चले इसके लिए कार्यकर्ता एकजुट हों। 

    आगे करने वालों को थी खुद टिकट की चाह

    पूर्व सीएम ने अपने संबोधन में चुटकी लेते हुए कहा हर कोई उनको किच्छा से चुनाव लड़ने का न्यौता दे रहा था। जब वह चुनाव लड़ लिए तो उनकी समझ में इसकी हकीकत भी आ गई। वह सब मेरा मन रखने के लिए कह रहे थे, वास्तव में तो वह खुद ही लड़ना चाह रहे थे। उनको न्यौता तो उनका दांव था कि वह मना करें तो उनको न्यौता देने वाले अपनी मांग कर लें।

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