जानें-कौन हैं सुशांत, जिनके PM मोदी भी हुए कायल; दिल्ली की नौकरी छोड़ बंजर जमीन पर उगाया 'सोना'
टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा निवासी सुशांत उनियाल के साथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। सुशांत उनियाल प्रगतिशील किसान हैं और वे गांव डडूर में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। तो चलिए आइए उनसे जुड़ी कुछ बातें जानते हैं।

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी से मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी छोड़ टिहरी जिले के अपने गांव डडूर लौटे सुशांत उनियाल मशरूम उगाकर सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। वो गांव के खंडहर हो चुके मकानों में मशरूम उगा रहे हैं। सुशांत ने वर्ष 2018 से मशरूम की खेती शुरू की। इसके लिए उन्होंने बैंक से लोन भी लिया और धीरे-धीरे एक सफल मशरूम व्यवसायी बन गए। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई टिहरी एनआइसी सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुशांत से बात कर उनके कार्य की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने सुशांत से कहा कि उन्होंने बेहतरीन प्रयास किया है। यह हकीकत है कि पहाड़ की जवानी और पानी ही पहाड़ की तस्वीर बदल सकता है। सुशांत ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े भाई प्रकाश उनियाल के विजन से इस काम की शुरुआत की। अपने गांव से लगातार होते पलायन और खाली पड़े खेतों को देख उन्हें बहुत बुरा लगता था। इसलिए वर्ष 2018 में वह दिल्ली में मार्केटिंग मैनेजर और भाई प्रकाश बैंक की नौकरी छोड़ अपने गांव डडूर लौट आए।
डडूर गांव जिला मुख्यालय नई टिहरी से 20 किमी के फासले पर है। गांव में उन्होंने खंडहर हो चुके मकानों में मशरुम की खेती शुरू की। प्रयोग सफल रहा और मशरूम की बिक्री से उन्होंने 50 हजार रुपये कमाए। इससे उनका उत्साह बढ़ा और वर्ष 2019 में जिला उद्यान अधिकारी डा. डीके तिवारी की मदद से मिशन आफ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट आफ हार्टिकल्चर (एमआइडीएच) के तहत 28.65 लाख रुपये का लोन लेकर अपना प्लांट लगा डाला।
वर्ष 2019-20 में यहां ढींगरी मशरूम का 80 क्विंटल उत्पादन हुआ, जिससे सुशांत ने 8.64 लाख की कमाई की। बीते वर्ष उन्होंने 90 क्विंटल ढींगरी मशरूम उगाई, जो 10.40 लाख रुपये में बिकी। क्षेत्र में अन्य काश्तकारों से भी सुशांत मशरूम लेकर उन्हें बजार उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, सीडीओ नमामि बंसल, डा. डीके तिवारी मौजूद रहे।
दस ग्रामीणों को दे रहे रोजगार
सुशांत के पिता सुरेंद्र दत्त उनियाल सेना से सेवानिवृत्त होकर दिल्ली में ही प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उनकी मां गृहणी हैं। सुशांत के प्रोजक्ट में दस ग्रामीणों को रोजगार मिला हुआ है। इनमें पांच नियमित और पांच अस्थायी कर्मचारी हैं।
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